"मेहनत करोगे तो फल मिलेगा,
मेहनत से परेशानी का हल मिलेगा।"
मेहनत करता रहा, पर भूल बैठा था मैं,
आरक्षण के आधार पर किसी और को बल मिलेगा।
साथ ही रहता था वो मेरे,
' तू कर लेगा यार ' कहा करता था।
मेरी आँखों के नीचे बन गए घेरे, और वो
अकसर सब भगवान पर छोड़ दिया करता था।
दोनों ने एक ही परीक्षा दी,और मैं
परिणाम का इंतज़ार करने लगा।
आखिर में जीत उसे मिल गई,
मैं भाग्य को कोसने लगा।
अमीर ने पैसों का ज़ोर दिखाया,
आरक्षण वाले ने मेहनती का मोर बनाया ।
देखता रहा इतनी असमानता को,
फिर भी वह मध्यम वर्गीय न लड़ पाया।
क्यों लोगों में भेद बढ़ाया,
सामान्य वर्ग को हास्य का पत्र बनाया।
आज मैं उत्तर चाहता हूं,
आज मैं समान अधिकार मांगने आया।
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