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Shayari 2- Himmat nahi haraga

    Deepa Kshatri
    @ManyaDeetya
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    2 Likes | 6 Views | Apr 26, 2025


    लोग सोचते हैं कि दुख देंगे हमा,

    लोग सोचते हैं दुख देंगे हमा,
    पर बेचारा जानता नहीं,
    दुख इतना सहा है जिंदगी में कि अब कोई फर्क पड़ता ही नहीं...

    आस्मा कर देखो भला,
    एक बार नहीं,
    आंसू तो निकलेगा शायद,
    पर हमारी जान नहीं...

    बहुत ऊंचाई पर पहुंच गया है हम,
    अब मौत भी सामना आजाए तो डर नहीं...
    कोशिश कर लो कहीं,
    टूटेंगे तो हम भी नहीं...