वैसे तो बहुत सुना है कि लड़ाई ज़मीन के लिए होती है,
फिर क्यों अब धर्म के नाम पर लोगों को मार डाला ?
घूमने ही तो गए थे वो लोग वहाँ,
किसी से लड़ने तो नहीं गए थे।
चंद दिनों के लिए अपने मन को शांति देने ही तो निकले थे,
फिर क्यों उन्हें मौत की नींद सुला दिया ?
अपने परिवार के साथ कुछ खुशियों के पल जीने ही तो गए थे,
फिर क्यों उन मासूमों को बेरहमी से मार डाला गया?
आख़िर क्या बिगाड़ा था उन्होंने,
जो किसी के घर का चिराग, किसी का बेटा, किसी का पिता छीन लिया ?
क्या कसूर था उन मासूमों का,
जो नफ़रत की आग में उन्हें यूँ निर्दयता से झुलसा दिया ?
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