रास्ते कठिन थे पर हौसला बुलंद मेरा,
दुनिया की नजरों में गिरा पर खुद की कभी गिरने नहीं दिया मैंने।
कीचड़ फेंका अपनों ने मुझे पर आंसू सा धोकर आगे बढ़ गया मैं भी।
पीछा खींचा और नीचा दिखाया हमें,
पर हिम्मत नहीं हारी हमने,
लोग बोलते गए, हम पर हंसते रहे,
पर हमने ना खुद का मजाक बनने दिया कभी।
चाहे लाख पत्थर हों रास्ते में,
चाहे हजार कोशिशें हों हमें मिटाने की,
हम पीछे नहीं हटेंगे,
क्या करें मां-बाप ऐसे मिले,
जिन्होंने डरना और हारना दोनों सिखाया कभी नहीं...
जीतेंगे तो हम ही,
चाहे लाख कोशिशें करो।
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