लालच

    Ritesh maurya
    @Ritesh-maurya
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    1 Likes | Views | Apr 23, 2025

    लालच ऐसी कीट है, जो मानुष को खाय,


    लालच छोड़े जो मानुष, जग में गुणगान होय।

    लालच बुरी बलाय है, सबको खाए जाए,

    लालच छोड़ो जो मानुष ,सुख-शांति पाए।।

    लालच में फंसे जो नर, करते हैं पापाचार,

    लालच छोड़ दें तो मिले, जीवन का सत्कार।

    संतोष और त्याग से, जीवन होय सुफल,

    लालच का त्याग करें, तो जीवन होय सफल।

    लालच की आग में जो जलते हैं बारम बार,

    वो जीवन के मोल को नहीं पहचान पाते हैं।

    संतोष और शांति का मार्ग अपनाएं,

    तो जीवन में सुख और शांति का अनुभव करें।