कि ये फिर आ गए आशिकों के दिन
अब लोग अपनी महबूबा पर फालतू का खर्च करेंगे
"आज तो फलाना दिन है, आज तो ये करने से मना मत करना" - कुछ आशिकों का कहना होगा अपनी महबूबा से
ये 7-8 दिन आपस में मीठी-मीठी बातें करेंगे
फिर कुछ समय बाद बात भी नहीं करेंगे
अरे अगर इतना ही प्यार है तो उम्रभर करो ना
इन चंद दिनों में ऐसा क्या हो जाए गा,
और ये दिन मनाने दो शादी शुदा लोगों को,
अब ये दिन हमारे काम के ना रहे
क्योंकि अब जिस्म और पेसौं से प्यार किया जाता है
ना की दिल और रुह से,
हां माना सब एक जैसे नहीं होते,
पर आज का सच भी तो यही है ना
शुरुआत में हर कोई अपना बनाता है
फिर ऊब जाने पर पराया कर देते हैं
इन चंद दिनों के कारण हम उन
पुलवामा के वीर जवानों का बलिदान भूल जाते हैं
जिन्हें याद करना चाहिए उन्हें भूल जाते हैं
हां माना ये दिन मनाने गलत नहीं है,
पर बनाओ भी तो उनके साथ,
जिनका साथ आप जिंदगी भर निभाओगे
कि ये फिर आ गए आशिकों के दिन।।
Comments