मैं पर्याप्त हूँ, बस खुद से इतना कहना है,
किसी और आभूषण की क्या ज़रूरत जब आत्मविश्वास अपना गहना है।
जब क्षमता सबकी अपनी है तो किसी और की नकल क्यों करना है?
जब प्रयास हमारे हाथ में हो तो असफलता से क्यों डरना है?
जब पतवार हमारे हाथ में हो तो लहरों में क्यों बहना है?
जब बदलाव हमारे हाथ में हो तो कष्टों को क्यों सहना है?
मुझे उम्मीद खुद से है दूसरों की राह क्यों तकना है?
मैं पर्याप्त हूँ, मुझे खुद से बस इतना ही कहना है।
#अदितिकीरचना
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