कुछ छोड़ा है कुछ पाने के लिए,
कुछ दुनिया को और बहुत कुछ ख़ुद को जताने के लिए।
घर छोड़ रहे तो तक़लीफ़ तो बहुत है,
एक जज़्बा है मुश्किल रास्ते पे चलाने के लिए।
रुकावटें मुश्किलें dard और कोशिशें,
इन सबका नाम है ज़िंदगी है ।
फिर मिल जायेंगी खुशिया ज़िंदगी भर मनाने के लिए।
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