कड़ी धूप में काम करता दिखा एक मजदूर,
किसी ने उसे गरीब समझा तो किसी ने परिश्रमी और किसी ने मजबूर।
सभी ने जिसे देखा वह व्यक्ति था एक,
किंतु सभी ने उसके व्यक्तित्व में देखा रूप अनेक।
ज़रूरत बस खुद को उसकी जगह पर रखने की थी,
बात बस नज़रिए की थी, बात बस एक सोच बदलने की थी।
#अदितिकीरचना
Comments