File 00000000f8e4623090818bed78a25c69 Conversation Id=67f71661 2090 8001 A45a 2a643961ebc5&message Id=dcb36fda Dd5d 48e3 9f5d B5e7dd758d42

‘बेवफाई की राख में मोहब्बत की आग’

    MD MANZAR
    @MD-MANZAR
    1 Followers
    0
    0
    0
    0
    0 Likes | 3 Views | Apr 11, 2025

    कुछ यूं तबाह हुए हम अपनी आदतों से , उनकी चाह और सिगरेटों के धुएं से

    रोने दो मुझे आज बेसबब उनकी याद में , कुछ तो सुकूं मिलेगा आंसुओं के बह जाने से

    एक आरज़ू थी मेरी तुझको दुल्हन बनाने की , ना मुकम्मल रही जो तेरे बेवफा हो जाने से

    रोएगी कुछ इस कदर मुझे याद करके वो , जैसा कोई बच्चा रोता हो माँ के बिछड़ जाने से

    हम तो अपनी मोहब्बत में हुए यूं फ़ना मंजर , जैसे जिस्म मर जाता हो रूह के बिछड़ जाने से।

    💔💫

    ~Manzar