Deep emotional shayri -part 2

    Palak
    @palak202009
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    2 Likes | Views | Apr 7, 2025

    7. दूरी और जुदाई (Distance & Separation)

    कि एक पल था जब अंजान थे हम

    अब समय कुछ ऐसा है कि एक-दूसरे को जानकर भी अनजान बने बैठे हैं,

    कि एक पल था जब दूर थे हम,

    अब पास होकर भी दूरियाँ बढ़ाए बैठे हैं।।

    बहुत याद आते हैं वो पल

    जो मैंने तेरे साथ बिताए थे,

    कभी बड़ा प्यारा लगता था तू मुझे,

    पर अब तेरा बर्ताव बदल जो गया है,

    तू भी मुझे प्यारा लगने से रह गया है।।

    8. होली और त्योहार (Festivals & Celebrations)

    इस होली मेरी सिर्फ एक ही इच्छा है

    सबसे पहला रंग तुझे मैं ही लगाऊं,

    तुझे होली के रंगों से मैं रंग दूं, तुझे पानी से भिगा,

    तुझपर फूलों और गुलाल की बारिश करूं,

    कि इस होली सबसे पहले रंग तुझे मैं ही लगाऊं।।

    9. मासूमियत और पसंद (Innocence & Preferences)

    मुझे चाँद देखना पसंद है

    उसे चाँद सा दिखना पसंद है।

    मुझे शर्माती हुई वो पसंद है,

    उसे हर बात पर शरमाना पसंद है।

    मुझे उसके मीठे बोल पसंद हैं,

    उसे मीठे बोल बोलना पसंद है।

    मुझे खाते हुए वो पसंद है,

    उसे खाना पसंद है।

    मुझे सिंपल सी वो पसंद है,

    उसे सिंपल रहना पसंद है।

    मुझे हँसती हुई वो पसंद है,

    उसे हँसना पसंद है।।

    10. सपने और हकीकत (Dreams & Reality)

    अक्सर सपनों में मिलने आते हो

    सच में मिलने क्यों नहीं आते हो,

    और सिर्फ रातों को आते हो,

    दिन में किसके सपनों में जाते हो ??

    इस दोगली दुनिया में पता नहीं

    तुम्हें ही क्यों अच्छा मान बैठी,

    वैसे तो बहुत लोग हैं मुझे पूछने को,

    पर पता नहीं क्यों तुम्हें ही सच्चा मान बैठी।।