कभी संयम
तो कभी सरलता
कभी संजीदगी
तो कभी चंचलता।
कभी सतर्कता
तो कभी कोमलता,
हर अनुभव को
परखने वाला
पारखी सा,
है दोस्त वो।
किसी का रब
किसी का ईसा
किसी का खुदा
तो किसी का
वो ऊपरवाला।
कभी संयम
तो कभी सरलता
कभी संजीदगी
तो कभी चंचलता।
कभी सतर्कता
तो कभी कोमलता,
हर अनुभव को
परखने वाला
पारखी सा,
है दोस्त वो।
किसी का रब
किसी का ईसा
किसी का खुदा
तो किसी का
वो ऊपरवाला।
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