Creation 770967

    0
    0
    0
    0
    0 Likes | Views | Apr 6, 2025

    चलो बात करते हैं।

    चलो बात करते हैं

    कुछ तुम्हारी सुनते हैं

    तो कुछ बातें

    अपनी कहते हैं।

    बहुत दिन लगे

    खुद को सुनने में,

    अब दिल से

    बस अपनी बात सुनते हैं।

    मलाल दिल के

    अब दिल से,

    बहुत दूर करते हैं

    कभी नासूर नसीब का

    समझते रहे,

    तो कभी माना

    परिणाम शिकस्त का जिसे

    अब बातों से जुड़ के

    उससे भी पीछा छुड़ाते हैं।

    आज बातों बातों में

    हर गम को भी,

    चलो बात करते हैं। चलो बात करते हैं कुछ तुम्हारी सुनते हैं तो कुछ बातें अपनी कहते हैं। बहुत दिन लगे खुद को सुनने में, अब दिल से बस अपनी बात सुनते हैं। मलाल दिल के अब दिल से, बहुत दूर करते हैं कभी नासूर नसीब का समझते रहे, तो कभी माना परिणाम शिकस्त का जिसे अब बातों से जुड़ के उससे भी पीछा छुड़ाते हैं। आज बातों बातों में हर गम को भी, खुशी का स्वाद चखाते हैं।

    खुशी का स्वाद चखाते हैं।