मैं राख हूं , यही मेरा अस्तित्व है।
मैं परम सत्य हूँ , यही मेरा वर्चस्व है।
तेरे जीवन का अंत मुझसे है, तुम मुझमें ही समाओगे।
जब अपनों को विदा करोगे, तुम मुझे ही पाओगे।
तुझे अभिमान किस बात का है, मुझमें मिलना तेरी तकदीर है।
ना कोई दौलत ना कोई रिश्ता, यही सबकी लकीर है।
#अदितिकीरचना
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