बिल्ली और परछाई

    Rinki Kumari
    @Rinki-Kumari
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    1 Likes | 3 Views | Mar 25, 2025

    एक बिल्ली बड़ी शर्मीली,

    ठुमक-ठुमक कर चलती थी।
    एक सवेरे मस्त मूड से,
    मार्केट जाने निकली।

    जब वो आगे चलती थी,
    पीछे-पीछे कोई आता था।
    डरकर एक जगह सिमट गई,
    वह बेचारी बिल्ली।

    रटने लगी चलीसा,
    तब थोड़ी सी हिम्मत हुई।
    जब पीछे मुड़कर देखा उसने,
    हाय! पसीना छूट गया।

    एक काला साया उसके पैरों से,
    ग्लू स्टिक सा चिपक गया।
    ऐसे डरकर भागी वह,
    जैसे कि भूत देख लिया।

    अब दौड़ हो गई शुरू,
    आगे-आगे बिल्ली रानी,
    पीछे-पीछे कल्लू राजा।
    डर के मारे बिल्ली रानी,
    भागी घर को अपने।

    घर पहुँचकर चैन आया,
    पीछा छूटा काले साये से।
    पर जब बिल्ली ने देखा,
    कोई ऐनक से झाँक रहा है।

    बिल्ली डरकर सिमट गई,
    और फिर शुरू हुई,
    एक नई कहानी—
    बिल्ली और ऐनक की!