नौ महीने पेट में पालकर
दो-तीन साल अपनी गोद में पालकर
उसने इतना बड़ा कर दिया मुझे
बहुत अच्छी सीख दी है उसने मुझे
अच्छे संस्कारों से झोली भर दी उसने मेरी
दिल से अमीर बना दिया उसने मुझे
अच्छा आचरण करना सीखा दिया उसने मुझे
सही गलत में फर्क करना सीखा दिया उसने मुझे
ग़लती होने पर माफी मांगना सीखा दिया उसने मुझे
कि अब और क्या मांगू मैं उससे
इतना बढ़िया जीवन दे तो दिया उसने मुझे
दुनिया जाहां की खुशियां दे तो दी मुझे
एक वो ही है जिससे मुझे सबसे ज्यादा लगाव है।
कि वो रूठती है तो दिल बेचैन हो जाया करता है ,
उसकी आवाज़ थोड़ी सी भारी हो जाए , तो मेरी सांस अटक जाया करती है ,
वह बीमार हो जाए, तो मेरी आंखों से आंसू आ जाया करते है,
उसके आंखों से एक भी आंसू निकले तो, मैं अंदर ही अंदर टूट जाया करती हूं ,
मेरे लिए दुसरों से वो लड़ भी जाया करती है, पर अपनी बारी में वो शांत हो जाया करती है ,
अपनी इच्छाएं मारकर मेरी इच्छाएं वो पूरी किया करती है ,
मेरे लिए वो पापा से भी लड़ जाया करती है,
कि जब वो रूठती है तो दिल बेचैन हो जाया करता है।
मुझे बेहतर इंसान बनाने के लिए वो , हर रोज़ एक नई सीख दिया करती है,
कभी कभी अपने सपने भी मुझसे बांटा करती है
अपनी जिम्मेदारी भी वो बखुबी निभाती है,
और इस कदर निभाती है कि खुद को भी भुल जाया करती है
कि एक वो ही है, जिससे मुझे सबसे ज्यादा लगाव है
और वो ओर कोई नहीं मेरी मां ही है।।
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