मन में थी एक चाह,
कुछ करने की राह।
पर रोके ये हालात,
थम गए मेरे जज़्बात।
कोशिश थी अनगिनत,
सपनों की थी जगत।
पर बाधाएँ ऐसी आईं,
कि राहें मुरझाईं।
मन में थी एक चाह,
कुछ करने की राह।
पर रोके ये हालात,
थम गए मेरे जज़्बात।
कोशिश थी अनगिनत,
सपनों की थी जगत।
पर बाधाएँ ऐसी आईं,
कि राहें मुरझाईं।
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