शिव के अर्धरूप से उत्पन नारीशक्ति स्वरूपा
हिमालय के कंदराओं में
कई युगों तक जिनका
आवास माना गया है
गंगा यमुना सरस्वती नदियों में
भी संज्ञान है नारी
धरती पर हर रूप में व्याप्त है नारी
संहार करने वाली शिवालिका
विद्या के रूप में अलंकृत नारी
हर घर की शान है नारी
शूर है वीर है
रानी लक्ष्मी बाई, सरोजनी नायडू
ये वीरांगना नारी है
इतिहास के समक्ष प्रमाण है नारी
घोर कुंठा अपमान भी सहकर
रूढ़िवादी चुनौतियों से
लड़कर देश रचा है
बदले भारत की पहचान है नारी
शिव के अर्धरूप से उत्पन नारी
पूर्व से पश्चिम,उतर से दक्षिण
विविधताओं से भरा ये देश
ढाल बनकर परचम अपना
लहरा रही है नारी
समाज की पथ प्रदर्शक बनकर
बेहतर कल की सौगात है नारी
साहसी कर्मठ,त्याग की मूर्ति
ईश्वर में निष्ठावान
तू ही जननी, अर्धांगिनी
बहन बेटी कई रूप है इनके
हरेक रिश्ते की नींव है नारी
जीवन की हर मोड़ पर
कंधे से कंधे मिलकर चलकर
भारत का स्वर्णिम स्वप्न लेकर
देश को गौरवशाली स्थान दिया है
केवल एक ही दिन के लिए नहीं
हरेक दिन के लिए खास है नारी
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