खुद का मोल खुद करो,
दूजा कोई करने वाला नहीं।
और अक्सर मौन रहना बेहतर होता उन जगहों पर,
जहां सुनने वाले भले है पर कोई मानने वाला नहीं।।
खुद का मोल खुद करो,
दूजा कोई करने वाला नहीं।
और अक्सर मौन रहना बेहतर होता उन जगहों पर,
जहां सुनने वाले भले है पर कोई मानने वाला नहीं।।
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