मेरी आज की ये कविता उन लोगो पर है जिन पर हज़ारो जिम्मेदारियां है....
बस थोड़ी और Adjustment...
तो जिंदगी सुधर जाएगी
बस थोड़ी और Adjustment...
तो परेशानी हल हो जाएगी
बस थोड़ी और Adjustment...
तोः बच्चों के स्कूल की फीस हो जाएगी
बस थोड़ी और Adjustment...
माँ पापा की दवाईयाँ हो जाएंगी
बस थोड़ी और Adjustment...
बेटे को डॉक्टर बनाना है
बस थोड़ी और Adjustment...
बेटी को अच्छे घर विदा करना है
बस थोड़ी और Adjustment...
घर की मरम्मत करवानी है
बस थोड़ी और Adjustment...
पत्नी के लिए नए गहने खरीदने है
बस थोड़ी और Adjustment...
घर की जिम्मेदारियां संभल जाएंगी
बस थोड़ी और Adjustment...
...Aman Mishra
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