बात लगाव और एहसास की हैं...
वरना रिश्तेदार तो हज़ार हैं
बात लगाव और अपने पन की हैं ..
वरना रिश्तेदार तोः हज़ार हैं
बात मान सम्मान की है...
वरना रिश्तेदार तो हज़ार हैं
बात निस्वार्थ प्रेम की है..
वरना रिश्तेदार तो हज़ार हैं
वरना रिश्तेदार तो हज़ार हैं....
....Aman Mishra
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