तेरी आँखों में कोई राज़ छुपा लगता है,
हर लफ़्ज़ में मोहब्बत का नशा लगता है।
बेदर्द दुनिया की ठोकरें भी सह लीं,
मगर तेरा नाम अब भी खुदा लगता है।
मिल के तुझसे हर ग़म खोने लगा,
जैसे वीराने में कोई गुल खिला लगता है।
हर राह, हर मोड़ पर तेरा एहसास है,
जैसे दिल अब तेरा ही पता लगता है।
तेरी हँसी से रोशन हुई मेरी रातें,
चांद भी तेरा ही हमसफ़र लगता है।
मैं भटकता रहा था तेरी चाहत लिए,
अब तेरा प्यार ही मेरा रास्ता लगता है।
जिया अंसारी✍️✍️
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