की जिससे मुझे था सब से ज्यादा डर, वही हुआ मेरे साथ
कि कुछ ऐसा अनचाहा, अनसोचा किस्सा हुआ मेरे साथ
कुछ ऐसा हादसा हुआ ऐ मेरे यार, जो ना होना था मुझे ऐसा प्यार हुआ उसके साथ
फिर उसकी याद में मैंने ना देखा कि दिन है या रात, कि यारों कुछ ऐसा एक अनचाहा,अनसोचा किस्सा हुआ मेरे साथ
फिर उसने भी किये कई वादें,और निभा नहीं पाई एक
और जवाब_ए_इश्क में कहा,की इश्क नहीं बस एक हादसा हुआ तेरे साथ
और अपनी नाकामयाबी_ए_इश्क को कहा कि बेवफाई की तूने मेरे साथ
इतना सा अनचाहा अनसोचा किस्सा हुआ मेरे साथ
कि जब मिली नजरे दोबारा उसे यहीं कुछ अर्से बाद, एक अंजाने से रास्ते पर हमें बेवफा के साथ
ख्याल आया मेरे इस नादान से दिल में, जिसमें था पहले से ही काफी दर्द की आखिर खुदा क्यों नहीं बुलाया अभी तक तूने मुझे अपने पास....
~राघव
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