हयात के सफ़र में ये हुनर रखना,
ग़मों की धूप में भी सहर रखना।
जो गिर पड़े तो संभलना सिखा देगा,
हर ठोकर को मुक़द्दर समझ रखना।
ख़ुशी मिले तो गुरूर मत करना,
ग़म मिले तो सुकून-ए-दिल रखना।
जो साथ चलें, उन्हें दिल में बसाना,
जो छोड़ जाएँ, सब्र-ओ-जिगर रखना।
राहे-इश्क़ हो या दुनिया की बाज़ी,
हर हाल में ख़ुद को बेख़ौफ़ रखना।
जिया अंसारी✍️
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