जब मन असमंजस में हो
तो कुछ नहीं भाता है,
कोई पूछ ले हाल तो
बस रोना आ जाता है।
क्यों है ये बेबसी
ये मन नहीं बताता,
जो भी हो
मन में ही रह जाता है।
कहने को तो
दोस्त हैं हर जगह,
पर साथ कोई
नहीं निभा पाता है
और आखिर में
बस अंतरमन में
द्वष रह जाता है।
जब मन असमंजस में हो
तो कुछ नहीं भाता है,
कोई पूछ ले हाल तो
बस रोना आ जाता है।
क्यों है ये बेबसी
ये मन नहीं बताता,
जो भी हो
मन में ही रह जाता है।
कहने को तो
दोस्त हैं हर जगह,
पर साथ कोई
नहीं निभा पाता है
और आखिर में
बस अंतरमन में
द्वष रह जाता है।
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