Creation 750943

    Ankit patel
    @Ankit-patel
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    2 Likes | 1 Views | Feb 16, 2025

    धुंधली सर्दियों वाली रात

    नहीं भूल सकते ।

    तेरी यादों के खूंटे से बंधे हैं

    हम चाह का भी खुल नहीं सकते ।

    हठों में सिहरन जो आती हैं ।

    ठंडी हवाएं तेरी यादों को

    बहा ले आती हैं।

    कांपने लगता हैं बदन सारा ।

    जैसे माघ की सर्दी चली आती हैं।

    कोहरा सा जीवन में छा गया हैं।

    जब से तू चला गया हैं ।

    तेरा नाम कोई लेता हैं तो लगता है

    बदन सारा बर्फ सा जम गया हैं

    जम जाता हैं।

    मेरा जीवन भी कुछ ऐसे ही थम जाता हैं।।

    ~अंकित