एक शहर दिखता है
उस शहर की गली दिखती हैं
घर की खिड़की दिखती हैं।
खिड़की में एक उदास चेहरा दिखता है
चेहरे में एक लड़की दिखती है
जो सालों से मेरा इंतजार कर रही है
आऊंगा मैं लौट कर गुजरते
हवाओं से कह रही हैं।
मुझे हवाएं बता रही है
वो लड़की मेरे याद में आशु
बहा रही है ।
©अंकित
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