घर की जिम्मेदारी आ गई सर पर,
पर शुरू नहीं कमाई है,
घर का राशन लाने खातिर,
बहुत सी इच्छा दबाई है।
पर ख्वाब अभी भी है जिंदा
यही मिडिल क्लास सच्चाई है।।
वो घर बनाने का सपना,
वो अपनी गाड़ी की चाहत,
मां का इलाज करवाने खातिर,
इनकी एफडी तुड़वाई है,
पर ख्वाब अभी भी है जिंदा
यही मिडिल क्लास सच्चाई है।।
दिवाली आ गई नजदीक,
पर बोनस नहीं मिला अब तक,
बच्चों के कपड़े लेने है,
घर को भी तो रंगवाना है,
इतना सब कुछ करना है ,
पर आर्थिक अभी कठिनाई है,
यही मिडिल क्लास सच्चाई है।।
बेटे का पहला साइकिल या,
बेटी की पहली ड्राइंग बुक,
बहन के शादी की खुशियाँ,
या ग़म में निकले सारे आशु,
मन के किसी एक कोने में,
इन सब की जगह बनाई है,
यही मिडिल क्लास सच्चाई है।।
कभी वादा किया था घर पर,
कही घूमने ले जाने का,
पर महंगाई का हाथी,
इसे भी कुचलेगा शायद,
मगर करने को पूरा वादा,
हर कोशिश हमने लगाई है,
यही मिडिल क्लास सच्चाई है।।
अमीरों ने अमीरी से,
बहुत इमारतें बनाई है,
बुजुर्गो की धरोहर को लेकिन,
मिडिल क्लास संजोता है।
जमी से है जुड़े हुए,
किसानी भी है कर डाली,
क्षेत्र कोई भी हो इनको,
बस छूनी ऊंचाई है,
यही मिडिल क्लास सच्चाई है।।
इनका बैंक एक सहारा है,
वहां पूंजी कुछ बचाई है,
विपदा की परिस्थितियों में,
यही बनती असल कमाई है,
यही मिडल क्लास सच्चाई है।।
कभी कर्जा हुआ सर पर,
ब्याज हर माह जाता है,
पुराने ज़ख्म की तरहा,
ये हर रोज सताता है,
पर टूटे नहीं कभी,
कभी हिम्मत नहीं हारी,
काटकर पेट कैसे भी,
इज्जत बचाई है,
यही मिडिल क्लास सच्चाई है।।
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