भारत के वीरों ने हमको
47 में आजाद किया,
स्वमिधान दिया हमको और
दुनिया में पहचान दिया,
लोकतंत्र लाया भारत में
सबको एक समान किया,
लड़खड़ाते भारत को उन्होंने
फिर से था,जवान किया।
अंग्रेजो के गुलाम थे हम
अपनी सक्ति से अनजान थे,
जामिंदारो के नौकर थे हम
राजाओं के दास थे,
कर दे देकर जीते थे और
पक्षपात से घुटते थे,
कुछ लोगो की, बदनीयती के कारण
ना जी पाते,ना मरते थे।
इसी भारत में,चौहान ने
गोरी को,घुटनों पे लाया था,
1 बार नही,2 बार नही,
17 बार धूल चटाया था।
द्वापर युग में केशव ने,
गीता का पाठ पढ़ाया था,
त्रेता युग में श्री राम ने
मर्यादा का मोल सिखाया था।
हमारा भारत अब कहा
दुनिया से अनजान है,
हर क्षेत्र में भारत का
अपना एक मुकान है।
हमारे भारत से अब,आंख मिलने वाला कौन है,
हमारे भारत की तो,बात ही कुछ और है।।।।।
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