Mata pita

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    1 Likes | 1 Views | Jan 28, 2025

    एक सोच मेरी जो थोडा अलग है।

    है सब के माता पिता पर मेरे थोड़ा अलग है।

    लड़ते है बहुत ज्यादा और प्यार शायद थोड़ा कम है ।

    उम्र के उस पड़ाव पर है जहां साथ बहुत कम होते है ।

    छत्तीस साल एक साथ गुजर चुके है।

    फिर भी एक दूसरे की पसंद पर लडाई है।

    एक पीते शराब है दूसरा देते गली है ।

    ये मंजूर नहीं है मां को शायद इसलिए नाराज़गी है।

    माहौल कुछ खास नहीं घर का , घर पर रहना मजबूरी है।

    दिन कट जाता हैं मेरा अपने कामों पे।

    ये रात बहुत सताती है। उम्र बत्तीस है मेरी

    तैयारी जिंदगी को जीने की जारी है।

    लड़ रहे है अभी भी वो हर आहट पे मेरी सांसे रुक जाती है ।

    क्या करूं में किसका गुनाहगार बनू ।

    मां थक गई है बोल कर छोड़िए ये गली ओर शराब

    पिता सोचते है ये कौन है अनपढ़ गवार

    जो मुझे समझाए वो पैदा नहीं हुआ ।

    मेरे से ज्यादा ज्ञानी कोई हुआ नहीं ।

    वो हर किसी में गलती ढूंढ देते है ।

    शायद ये बात मुझमें उनसे आई।

    लिख रहा हु एक कहानी क्योंकि कुछ कर नहीं सकता

    मजबूरी क्या होती है आपको समझा नहीं सकता

    बोलूं तो लडाई हो जाएगी बेटे बाप में एक दीवार खींच जाएगी

    ना बोलूं तो पूरा गांव समझता है कुछ क्यों नहीं बोलता बतलाता है

    कोशिश की है कई बार रात भर फिर में रहा हु परेशान

    समझ समझ को नहीं आता है ।बहुत सुनता हु ज्ञान की बाते सत्संग

    कुछ काम आता है मन को कुछ देर बहलाता है फिर आवाज आती है ऊपर कमरे से सांसे रुक जाती है क्या हुआ ये जानने को मन शांत हो जाता है

    कुछ ऐसे है मेरे मां बाप।

    कराया है मुझे बीटेक कही आप गलत न समझो इसलिए बता देता हु मुझे प्यार है इनसे की नहीं पता नहीं पर खुश देखना चाहता हु मै भी इनको आपकी तरह आपके मम्मी पापा की तरह।

    अच्छे से भी रहते है कभी ओर कभी बहुत लड़ते है ।

    मै कुछ करूं या चुप रहूं ये कोई समझाओ

    कोई मुझे ज्ञान दो ओर मुझे इन चीजों से दूर करो।

    Thanks for reading you are great may God fullfill you dreams you get whatever will succeed you life better... thank you