Poetry/shayri

    Arbindpriy
    @Arbindpriy
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    2 Likes | 4 Views | Jan 18, 2025

    जिंदगी कुछ इस तरह से गुज़ारी है

    कि चार दिन की जिंदगी है

    एक दिन दुनिया में आएं थे

    एक दिन दुनिया से चले जाएंगे

    बची दो दिन की जिंदगी का अगर हिसाब लगाएं

    एक दिन तेरे इंतज़ार के जिसमें मैंने अपनी जिंदगी गुज़ार दी

    तो एक दिन तेरी याद में गुज़ारी है