बचपन

    Sneh Chhikara
    @Sneh-Chhikara
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    2 Likes | 3 Views | Jan 12, 2025

    कितने प्यारे होते थे छुट्टीयों के वे दिन

    नाना नानी के साथ बिताते थे सारे दिन

    मारना तो दूर मां डॉट भी नहीं सकतीं थीं

    नानी की ढाल एकदम पक्की थी

    दो महीने पलों में बीत जाते थे

    अपने घर आकर नाना नानी बहुत याद आते थे