Creation 741125

    Sneh Chhikara
    @Sneh-Chhikara
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    1 Likes | 2 Views | Jan 8, 2025

    लाचार बाप

    बूढ़ा हूं बीमार हूं तुमसे मिलना चाहता हूं

    पर लाचार हूं बेटी

    तेरा नाम लेने से ही घर की शान्ति भंग हो

    तेरे को बुलाने पर ना जाने कैसी जंग हो

    यही सोच कर चुपचाप बैठा हूं बेटी

    ऐसा कोई पल नहीं याद तेरी आती नही

    मौत भी रुठी है लेकर मुझे जाती नहीं

    गर का राजा था कभी

    आज़ कोने में पड़ा हूं

    फ़ालतू का सामान लगने लगा हूं