यदि हूँ मैं फूल सी, तो मेरे चमन हो तुम...
यदि हूँ शांति का प्रतीक सी मैं ,तो अमन हो तुम... है अनोखा संगम, तुम्हारे और मेरे दरमियाँ... यदि शांत धरातल सी हूँ मैं, तो नील गगन हो तुम ....
यदि हूँ मैं फूल सी, तो मेरे चमन हो तुम...
यदि हूँ शांति का प्रतीक सी मैं ,तो अमन हो तुम... है अनोखा संगम, तुम्हारे और मेरे दरमियाँ... यदि शांत धरातल सी हूँ मैं, तो नील गगन हो तुम ....
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