आरज़ू ए तम्माना तो दिल्लगी की थी पर, दिल लगाया भी किनसे,
जो एक टक निहारते ना थे हमे, अरे हमने प्यार जताया भी किनसे,
खामोश जिंदगी अब क्या ही बता सकती है हमारी शख्सियत के बारे में,
अरे बड़ा कमज़ोर है ये दिल मोहब्बत में, पर कमबख्त ये राज़ हमने बताया भी किनसे,
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