Ek cigarette ho to he janab

    Ajay Makwana
    @Ajay-Makwana
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    0 Likes | 3 Views | Sep 26, 2024

    एक सिगरेट ही तो है जनाब जिसने कभी छुड़ा नही मुझे 

     वरना मेरी हालत देख के तो लोग मो फेर लेते है 

    एक सिगरेट ही तो है जनाब जिसने कभी रुलाया नही मुझे 

    खुद जलती रही बेसक मगर मेरे आशु गिरने नही दिए 

    एक सिगरेट ही तो है जनाब जिसने वफा के वादे नही किए 

    वो जलती रही आखरी सास तक मेरे सुकून के लिए 

     

    एक सिगरेट ही तो है जनाब जिसने कभी शिकायत नही की 

    निभा भी रही है तो बड़े प्यार से के मेरा दम ना निकले

     

    जब भी मेरे कमरे से दुवा उड़ा समझो राख सिगरेट की थी जल में रहा था 

    तुम जो निभा सकी वो वादे अब वो सिगरेट निभाती है 

    रोज खुद को तबा कर मेरी बारबर्दी याद दिलाती है

    जीने की दुवा करती है मरने के रस्ते ले चलती

    ये कैसी म्हेबोबा है मेरे दिल में गर करने के खुद जलती हे 

    धुओ में दुवा मांगी मेने मार जाऊं राख काम नहीं मेरे कमरे में

    कोई पूछे हाल अगर मेरे कमरे का तो कह देंना की

    हमने जीने की उमर में पल रखे है सबर सर सोक मरने के 

    उसने कहा था कि सिगरेट छोड़ के देखो जिदंगी कितनी हसीन होगी 

    किया पता था तेरे बाद ये मेरी दूसरी म्हेबोब होगी 

     अब साम -ए- शराब है हम नामे- बदनाम है अब तेरी याद में जो जलाई थी आगरी सिगरेट मेरी जान वो भी तेरी त

    रह मुझे मरने में ना काम है