पुत्री एक बरदान

    jkrm dairies
    @jkrm-dairies
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    0 Likes | 3 Views | Sep 12, 2024

    हर घर का एक महकता गुलाब 

    जैसे मेरे घर मे हैं 

    नाम है जिसका श्री 

    नटखट पर कोमल हृदय 

    और रखे सन्मान है 

    हर घर मे एक चादनी 

    बिखरे अपने हसी से 

    चंद्र सी किरणे जैसे मेरे घर मे है 

    नाम है उसका श्री 

    कभी बन जाती दादी वो 

    कभी वो बनती माँ 

    हर छोटी बड़ी बातों का 

    रखती हैं ख्याल जो 

    बचपन उसका निराला है 

    पर प्रेम की वो अमृत प्याला है 

    हर घर का एक चमकीला तारा 

    जैसे मेरे घर मे है 

    नाम है उसका श्री 

    उसके अद्भुत संसार का 

    सूरज है माता पिता 

     जीवन के सप्तम पड़ाव पे 

    सुनती है जो राधा कृष्ण की कथा 

    जाना है जिसे बृंदाबन् 

    बनकर कान्हा की दीवानी 

    कैसा ये उसका चाहत है 

    छोड़ कर जो जाना चाहे 

    अपने माता पिता का घर आँगन 

    हर घर की एक खुसबू कलि है 

    जैसे मेरे घर मे है 

    नाम है उसका श्री।।