‘ख्वाईश है जिनकी वो अक्सर हमे पूछा करते है, बस दुख इस बात का है, कि बातें समझते है, जज़्बात नही समझते हैं।
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‘ख्वाईश है जिनकी वो अक्सर हमे पूछा करते है, बस दुख इस बात का है, कि बातें समझते है, जज़्बात नही समझते हैं।