Down to earth ये word सुनने में कितना ही भारी सा लगता है, ना??? लेकिन बावजूद इसके अगर कोई ऐसा इंसान है जो वाकई में इस word के मतलब को सार्थक करता है, तो इससे हल्का word कोई नही हो सकता।
क्योंकि…..
उस इंसान की ये personality सामने वाले को comfortable कर देती है, जिससे हर कोई अपने मन की बात ऐसे इंसान से आसानी से कर लेता है।
लेकिन क्या आप जानते है, की आजकल लोगों को अपने आपको down to earth वाला इंसान कहलाते हुए भी शर्म सी आती है की आजकल लोग खासा अपने आपको एक high profile के लोगों में शुमार करने की होड़ में लगे और कुछ ऐसा ज़ाहिर भी करते है और इन सबके चलते आज लोगों के बीच से इंसानियत लुप्त सी होती जा रही है।
ज़मीनी हक़ीक़त से हम रूबरू नही होना चाहते और बस सपनों की इस कांच जैसी दुनिया में जीते जाते है और उस कांच की इमारत को ऊंचाइयों तक पहुंचाने में लगे रहते है।
क्यों??? किसलिए???
सिर्फ अपना रुतबा बड़ा दिखाने के लिए और चार लोग क्या कहेंगे और ये समाज उठने बैठने नही देगा, कोई बात नही करेगा और कोई बुलाएगा नही अगर हम अपने आपको high profile ना दिखाए तो।
पर ….
क्या आपने कभी सोचा है की अगर हम ऐसे ही लोगों की सोच के लिए हमेशा अपने को बदलते रहे और अपनी अंतरात्मा को मारते रहे तो वो दिन भी दूर नहीं जब यही लोग आपको ये कहकर धीतकार देंगे की ये इंसान तो बिलकुल भी down to earth नही है।
आपको चाहिए की आप हर चीज़ में balance करके चले क्योंकि कुछ तो लोग कहेंगे और लोगों का काम है कहना। लेकिन किसी के लिए भी अपनी अंतरात्मा से समझौता ना करे।
सोचिएगा जरूर क्योंकि बात कड़वी है लेकिन सच है।
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