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magic of democracy

Rakesh RakeshLast Seen: Dec 27, 2023 @ 12:45pm 12DecUTC

16th October 2023 | 6 Views
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  • गुल्लू सीधा-साधा सच्चा ईमानदार व्यक्ति था। अपने गांव और आस-पास के गांव में गुल्लू का बहुत मान सम्मान था। उसके हर एक फैसले का उसके गांव वाले और आसपास के गांव के लोग बहुत सम्मान करते थे। एक दिन चुनाव आने से पहले अनाज मंडी का ठेकेदार श्याम लाल गुल्लूके घर आता है। और गुल्लू से कहता है कि “मैं इस चुनाव में जनता की सेवा करने के लिए निर्दलीय उम्मीदवार खड़ा होना चाहता हूं। अगर मैं चुनाव जीतकर विधायक बन गया तो पूरे क्षेत्र में सिंचाई की समस्या बिजली पानी की समस्या अस्पताल विद्यालय की समस्या आदि समस्याएं खत्म कर दूंगा।”गुल्लू अनाज मंडी के ठेकेदार को बहुत सालों से जानता था। वह कंजूस तो था, लेकिन दान पूर्ण करने में उसका पूरे क्षेत्र में नाम था। इसलिए गुल्लू  5 गांव की महापंचायत बुलाकर निर्दलीय उम्मीदवार  श्यम लाल को वोट देने के लिए पांचो गांव की जनता को राज्य कर लेता हैै। श्याम लाल कीचुनाव में ऐतिहासिक जीत हो जाती हैै। बड़ी बड़ी राजनीतिक पार्टी श्याम लाल का सम्मान करने लगती है। श्याम लाल विधायक गुल्लू और 5 गांव के प्रमुख लोगों के साथ मिलकर राज्य सरकार पर दबाव डालकर क्षेत्र के विकास के लिए राजी कर लेता है। गुल्लू का भी पूरे क्षेत्र में और मान सम्मान बढ़ जाता हैै। लेकिन श्याम लाल   क्षेत्र के विकास कार्य का ठेका अपने रिश्तेदारों को दे देता हैै। और रिश्तेदारों के साथ मिलकर विकास कार्य का सारा पैसा खा जाता है। विकास के नाम पर थोड़ा थोड़ा  काम शुरू करके बीच में छोड़ देता हैै।
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  • श्याम लाल के झूठे वादे करते करते दोबारा चुनाव आ जाते हैं। श्याम लाल बेशर्म होकर गुल्लू से कहता है, “अगर क्षेत्र की जनता मुझे इस बार और वोट देकर जिता दें, तो मैं क्षेत्र के विकास के सारे अधूरे कार्य पूरे कर दूंगा।” गुल्लू सज्जन पुरुष होने के साथ-साथ बुद्धिमान भी था। उसे समझ आ गया था कि श्याम लाल बेईमान और लालची मनुष्य है। इसलिए गुल्लू चोरों के घर चोरी करने का फैसला लेता है। इसलिए श्याम लाल को गुल्लू दो सप्ताह के बाद बुलाता है। दो सप्ताह के अंदर अंदर घर-घर जाकर गुल्लू श्याम लाल के खिलाफ अपनी रणनीति सब को समझा देता है। फिर दो सप्ताह बाद महापंचायत बुलाकर श्यामलाल को  बुलाता है। महापंचायत में   गुल्लू ने जो सबको समझाया था, वही बात श्यामलाल से कहता है कि
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  • इसबार 5 गांव के लोगों की एक शर्त हैकि “अगर आप इस शर्तों को मान लोगे तो इस बार भी सब तुमको भारी बहुमत से जिताएंगे।”  श्यामलाल कहता हैकि “शर्त बताओ मुझे वोट देकर जीतओगे तो मैं सब शर्त मानने के लिए तैयार हूं।” गुल्लू कहता है कि “शर्तहै 5 गांव के हर एक घर में पूरे 5 साल का अनाज भरवाना पड़ेगा।” श्यामलाल को पता था कि मैं जितना खर्च करूंगा उतना जीतने के बाद कमा लूंगा। इसलिए श्यामलाल तैयार हो जाता है। और अपने चमचों से कहकर पांचो गांव के एक एक घर में पांच  साल का अनाज भरवा देता है।
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चुनाव में श्याम लाल की इतनी बुरी तरह हार होती है कि उसकी जमानत भी जप्त हो जाती है। हारने के बाद श्यामलाल रो-रोकर गुल्लू और गांव वालों के सामने कहता है चोरों धोखे बाजो मैं बर्बाद हो गया। मैंने चुनाव जीत का जितना कमाया था उससे दुगना तुम्हारे घरों में पांच 5 साल का अनाज भरकर खर्च कर दिया। गुल्लू गांव वालों के सामने श्यामलाल से कहता हैकि हम सब ने चोरों के घर चोरी की है। फिर गांव वालों से कहता है “मैंसाधारण मनुष्य हूं। कोई भगवान नहीं जो हमेशा सही होगा। इसलिए आज से एक बात गांठ बांध लो लोकतंत्र में वोट जनता की सबसे बड़ी ताकत है। इसलिए हमेशा अपनी बुद्धि से ही मतदान करना चाहिए ना की किसी साधारण मनुष्य के कहने से।

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