एक पल का ही सफर था हमारा
जिसकी कोई मंजिल न थी,
बस यादों का सहारा था
उसमे भी आधा हिस्सा पराया था……
कुछ अधूरे से सपने थे
कुछ बिखरे हुए ख्वाब,
कुछ मीठी सी यादें ,
और टूटे हुए “आप”…..
श्याही न थी कलम मैं लिखने भर
न शब्द थे जुबान मैं,
वक़्त इतना खुशनसीब था हमारा
हम डूबे थे यूँ प्रेम रस की कबिताओं में…..
सुना था लोगों से बिरह की कहानी
जाना जबानी में….
आसान है लिखना प्रेम से, जुदाई की कहानी
अब सिख लिया मैने भी…..
छिपाना, हंसी के पिछे, दर्द की कहानी
कुछ यादे सफर की थी…..
जो आज कहीं गुम हो गई।।
~त्वरिता💫
❤️❤️kuch mithi si yaade aur tute hue aap was heart touching