(शहर उटी, एक हॉस्टल
एक रूम में पांच लडके एक दूसरे के साथ बात कर रहे होते है )
हे गाइज ये पढा तुम लोगोने जंगल मे गये ६ आदमियोकी शेर के पंजोसे दर्दनाक मोत
विकी तुझे और कोई काम नहीं हे क्या ? क्यों सुबह सुबह ऐसी खबरे दे रहाहै
विकी : जय खबरे देना कोई बुरी बात है क्या वैसे भी हमारे आस पास क्या होता है उसकी हमें खबर होनी चाहिए क्यों आलेख
आलेख: हा हा बिलकुल
आरुष : अबे साले दुनिया की फिकर छोड़ खुदके बारे में कुछ खबर हे की क्या होने वाला है
विकी : मतलब में कुछ समजा नहीं
अर्जुन: बच्चू मतलब तो तुझे समजमे आ जायेगा जब प्रो। शर्मा का लेक्चर होगा
विकी: प्रो शर्मा……….अबे में तो भूलहि गया था, मेरा प्रोजेक्ट याद नहीं दिल सकते कमीनो तुम मेरे दोस्त हो या दुश्मन
आरुष : अ……… दोनों
विकी: आज तो वो टकला मुझे पनिश करके ही छोड़ेगा और ये सब तुम लोगोकी गलती है
जय: केसी गलती बच्चू हमने तुझसे कहा था क्या की रातको किसी लडकीके साथ चाट कर गलती तेरी है तो जाहिर सी बात है की प्रो शर्मा तुझे ही पनिश करेंगे
विकी: हे भगवान इस दुनियामे मेरा कोई दोस्त नहीं उठाले भगवान उठाले
आलेख : ये नौटंकी तू कभी अपनी हरकतोंसे बाज नहीं आयेगाना ये ले तेरा प्रोजेक्ट इस बार कर दिया है आगेसे ध्यान रखना
विकी : तू ही मेरा सच्चा दोस्त है यार आय लव यू ( उसके गाल पर एक किस करता है)
आलेख: इ विकी किस मत कर यार इतना मखन लगाने की जरुरत नहीं बस आगे से ध्यान रखना
विकी; हा हा आलेख पक्का प्रोमिस आगेसे में आपने प्रोजेक्ट खुद कर लूंगा
आरुष: तू तो रेहनेही दे विकी तेरा ये बकवास डायलॉग हम स्कूल टाइम से सुनते आ रहे है बाय गाइज कामं के सिलसिले थोड़ा बाहर जा रहा हु थोड़ी देर में कॉलेज पोहच जाऊंगा सी यु इन लेटर ( आरुष अपनी बाइक पर जा रहा होता है अचानकसे कुत्तेका बच्चा बाइक के सामने आ जाता है उसे बचनेकेलिये आरुष बाइक को मोड़ देता है और सामने से आरही रिक्षा को ठोक देता है )
आरुष: सॉरी वो पपी
रिक्षा वाला: क्या बे ये आंधे पीके गाड़ी चला रहा हे क्या जो सामनेसे आरही इतनी बड़ी रिक्षा नहीं दिखी तुझे
आरुष : शांत हो जाव जरा सल वो प्
रिक्षा वाला : चल बे ये पैसे निकल इसका पैसा कोण भरेगा तेरा बाप
आरुष:( घुस्से से ) बाप पे क्यों जाता है में हुना यहाँ भरने के लिए अभी मेरे पास टाइम नहीं है वरना तुझे यहासे जाने नहीं देता (रिक्षा से एक लड़की बहार आती है)तुम होते कोण हो हमें रोकने वाले यहाँ के प्राइमिनिस्टर शकल से तो लंगूर नजर आ रहे हो
आरुष: होल्ड युअर टंग मिस
शाट युअर माउथ मिस्टर अब हटो यहाँ से जाना है हमें
रिक्षा वाला : चल बे ये पैसे निकाल
आरुष: एक मिनिट ( वो वहा पड़ा एक पत्थर उठाता है और जोर से रिक्षा के कांच पर मरता है )
लो अब होगई पूरी गलती मेरी ये लो पैसे और ठीक कर देना अपना शीशा और साथ में इस जंगली बिल्लिसे भी कह देना की यहाँ के प्राइमिनिस्टर ने उसका भाड़ा दे दिया है (वहासे जाने लगता है )
वो लड़की : एक मिनिट ( वो भी वहा का पत्थर उठाकर आरुष के बाइक का शीशा तोड़ देती है और उसके हाथ में पैसे थमाकर) अब ये तुम लो और ठीक कर देना अपना शीशा चलो भाईसाहब
अर्जुन: ये आरुष कहा रहगया अभी तक नही आया उसने तो कहा था लेक्चर तक पोहच जायेगा
विकी : लो आगये सरकार कहा थे प्राइमिनिस्टर साहब
आरुष : प्राइमिनिस्टर मत बोल वरना मु थोड़ दूंगा
अर्जुन : रिल्याक्स आरुष इतना घुस्सा को हो रहे हो और ये तेरी बाइक को क्या हुवा
आरुष: अब क्या बताऊ अर्जुन रास्ते में एक पागल लडकी मिली थी मुझे लंगूर बोल रही थी मुझे और खुदको बड़ी हूर परी समज रही थी उसीने किया ये सब कुछ गलती से अगर गलती से भी वो कभी मेरे सामने आये ना तो पता नहीं में क्या करूँगा
विकी : छोड़ ना आरुष वैसे मुझे एक बात बता वो दिखने में किसी थी?
आरुष: भूतनी थी चुडेल जैसी
विकी : चुडेल जैसी इसका मतलब तुम्हे वो एकदम सूट करेगी
आरुष : क्या मतलब?
विकी: मतलब ( थोड़ा दूर खड़ा रहकर ) तुम जैसे खविस के लिए उस जैसी चुडेल ही सूट करेगी
आरुष : अबे साले तेरी तो ( विकी भागने लगता है ) भागता कहा है रुक
विकी: आ सुहाना सेव्ह मी यार
आरुष : लड़कियोके पीछे क्यों छुप रहा है दम है तो सामने आ
सुहाना : ओ…. शटअप गाइज विकी सामने आ आरुष चिल यार.. ( तभी वह आलेख आता है )
आलेख: जय तेरा काम हो गया है बस एक साइन बाकि है ओ हाय सुहाना सॉरी मेने तुम्हे देखा ही नहीं
सुहाना: कोई बात नहीं आलेख वैसे भी आगे की जिंदगी तो मुझे देखकर ही बितानी है ना
आलेख: हा वो तो है उन दिनका में बहोत बेसबरीसे इतजार कर रहा हु
आरुष : वाह क्या प्यार है एकदम दिल खोल के और एक तरफ है हमारे जय भाईसाहब जो पिछले ३ सालोसे सरगम जी से प्यार करते है लेकिन मामुलीसा हाय तक नहीं कहा
जय: आरुष
आरुष : देख जय हम तेरा मजाक नहीं बना रहे लेकिन थ्री ईयर ईट्स वेरी लॉन्ग टाइम अब तो अपनी दिल की बात उसे बता दे यार
अर्जुन: हा जय आरुष बिलकुल ठीक कह रहा है तुम उसे कितना प्यार करते हो ये हम सब ने देखा और तू है की हमें भी नहीं बताने देता
जय: नहीं यार मुझे डर लगता है शायद उसे अच्छा नहीं लगा तो वो घुस्सा होकर यहासे चली गई तो में उसे बीना देखे एक दिन भी नहीं रह सकता
पायल: ओ फ़ो जय तुम्हे समजाना अब हमारे बस की बात नहीं हाय गाइज और वैसे भी तुम्हारी बहन ही तुम्हे कुछ समजा पायेगी
जय : पता नहीं लेकिन में बहोत खुश हु फाइनली में और मेरी गुड़िया अब साथ में वक्त बिता सकेंगे वो भी बहोत दिनों बाद(तभी आरुष को कोई पुकारता है )
आरुष : अभी आता हु में अभी आता हु गाइज
भैया
जय: गुड़िया ( भागकर उसे हग करता है) किसी है मेरी गुड़िया मेरा बच्चा
किसी लग रही हु भैया मेने आपको बहोत मिस किया
जय: मेने भी तुझे बहोत मिस किया चल आ तुझे आपने दोस्तों से मिलता हु ये हे मेरी गुड़िया मेरा मतलब श्रेया और ये है सुहाना , पायल विकी , अर्जुन , आलेख मुझे तो तू जानती हो
श्रेया : हाय आप सबसे मिलकर अच्छा लगा
पायल; हमें भी
जय: और हा वो आ रहा है हमारा चॉकलेट हीरो आरुष ( तभी श्रेया के हतोसे कुछ गिर जाता है वो उसे उठानेमे निचे झुकती है )
आरुष: गाइज पांच बजे हमारी फुटबॉल प्रॅक्ट……. तुम
श्रेया : तुम
जय: क्या तुम एक दूसरेको जान…..
आरुष: वहा क्या काम था जो यहा भी आगई मेरा पीछा करते
श्रेया : ओय शाहिद जैसी शकल नहीं सलमान जैसी बॉडी नहीं लंगूर हो लंगूर चेहरा भी कभी देखा है आइनेमे देखते तो इस गलतफेमीमे न रहते की में तुम्हारा पीछा कर रही हु और वैसे भी में कोई मुलसीपाल्टी में काम नहीं करती जो आवारा कुत्तोके पीछे जाऊ
जय: श्रेया ये
आरुष: और खुदको क्या हूर परी समझती हो पिग की तरह दिखती हो ओ…. सॉरी में तुम्हे इतनी रिस्पेक्ट क्यों दे रहा हु बेचारा पिग भी तुम्हारे सामने कई गुना अछा दीखता है
जय: आरु
श्रेया : शटअप लंगूर कहिके
आरुष: यु शटअप जंगली बिल्ली कही की
श्रेया: तुम्हारा तो में मु नोच लुंगी
आरुष : हा हा जैसे के में खड़े खड़े देखता ही रहूंगाना जंगली पागल बिल्ली
जय: अरे शटअप शटअप शटअप बहोत हो गया सब देख रहे हे बच्चोकी तरह लड़ रहे हो दोनों कोई बताएगा मुझे आखिर बात क्या है?
आरुष: इसीसे पूछ जय की इसने मेरा बाइक का शीशा क्यों तोडा
श्रेया: शूकर कर बाइक का शीशा ही तोडा है वरना तुज़े ही तोड़ देती तुम्हारी सिर्फ तुम्हारी वजहसे मुझे कॉलेज पोहच ने में देर हो गई वो भैया ने सब संभाला वरना आज मेरा एडमिशन तो होही नहीं सकता था
आरुष: मेरी वजहसे झगड़ा तो तुम कर रही थी वहा जंगली बिल्ली
श्रेया: तू खुद है लंगूर कहिके
जय: ओके बस बहोत हो गया गलती तुम दोनों की है इसीलिए माफ़ी भी तुम दोनों मांगोगे एक दूसरेसे
( आरुष और श्रेया एकदूसरेको घुस्सेसे देखकर अलग अलग दिशा में चले जाते है) आरुष , श्रेया
जय: ओ मेरी गुड़िया कितना नाराज रहोगी
श्रेया: सॉरी भैया उस लंगूर की वजहसे
जय: चल छोड़ इस बात को ये रहा तुम्हारा हॉस्टल का फॉर्म जाकर थोडासा आराम करलो हम बाद में मिलते है
श्रेया: ओके भैया बाय ( वहासे वो हॉस्टल जाती है दरवाजेपर नॉक करती है)
हाय में श्रेया तुम्हारी रूम मेट ओ. सॉरी रूम पार्टनर कहना था
वो लड़की: कोई बात नहीं श्रेया में सरगम मिलकर ख़ुशी हुई
श्रेया: अ सरगम में थोड़ा ज्यादा बाते करती हु इसीलिए कभी ज्यादा हो जाये तो जरूर बताना
सरगम: नहीं टोकूंगी क्योकि मुझेभी बाते करना बहोत पसंद है
दूसरे दिन
श्रेया: डॉ शुभंकर बहोत अच्छा पढ़ाते है हैना सरगम
सरगम: हा श्रेया उनका पढ़ानेका तरीकाही अलग है चल ना हम कैंटीन चलते है बहोत भूक लगी है यार
श्रेया: तुम आगे जाव में लायब्ररी में बुक वापस करके आती हु (कैंटीन में )
अर्जुन: आरुष ये ले तेरी कॉफ़ी
आरुष: थैंक्स यार अ में अभी आया
विकी : अब आएगा मजा
अर्जुन: विकी ये तू ( विकी आरुष के कॉफ़ी में नमक मिलता है और आरुष आकर कॉफ़ी पिता है
आरुष: छी मेरी कॉफ़ी इतनी गंदी क्यों लग रही है(आरुष विकी की तरफ देखता है)
विकी: क्या ऐसे देख क्या रहे हो मेने कुछ नहीं किया
आरुष: मेने तुज़से कुछ कहा क्या इसका मतलब तेरी तो( विकी भाग जाता है और आरुष उसके पीछे भागता है)
विकी: ( लड़की की आवाज में) आ बचाव मुझे इस जानवर से कोई तो रोक लो
आरुष: साले नौटंकी तू रुक ( आरुष जाकर जोरसे किसीसे टकराता है और वो निचे गिर जाती है आरुष रुक कर ) ओ सॉ ( उस लड़की को देखकर चुप रहता है )
श्रेया: आँखे हे या ढकन दिखाई नहीं देता क्या जो हर बार टकरा जाते हो
आरुष: अगर तुम्हे दिखाई देता है तो क्यों बार बार बिल्ली की तरह रास्ता काटती हो
श्रेया : यू इडियट लंगूर कही के
आरुष : देख मुझे लंगूर मत बोल वरना
श्रेया: बोलूंगी हजार बार बोलूंगी लंगूर लंगूर लंगूर
आरुष: लगता है तुम्हारे पास दिमाग ही नहीं है हजार बार बोलूंगी कहके तीन ही बार बोला (हसकर)हजार में कितने जीरो होते है वो भी तुम्हे पता नहीं और चली हो डॉक्टर बनने
श्रेया: यु इडियट (उसकी कॉलर पकड़के) लंगूर गधा उल्लुका पठा)
अर्जुन , आलेख : श्रेया आरुष
सरगम : श्रेया छोड़ उसे श्रेया ( आलेख अर्जुन आरुष को ले जाते है और सरगम श्रेया को लेकर जाती है)
ये क्या कर रही थी श्रेया
श्रेया; जभी में उस लंगूर को देखती हुना तो ऐसा लगता हे उसका मु नोच लू समझता क्या है आपने आपको
सरगम : अब तू सचमे जंगली बिल्ली की तरह बिहेव कर रही हो शांत हो जव श्रेया छोड़ उस बात को
आरुष: सॉरी जय में जनता हु की वो तेरी बहन है लेकिन झगड़ा हमेशा वो ही शुरू करती है और तू जनता है ऐसे में चुप नहीं बेठ सकता
जय : मेने तुमसे कुछ कहा क्या जिस तरह से वो मेरी बहन है तू भी तो मेरा अच्छा दोस्त है यार तुम दोनों को में बहोत प्यार करता हु आरुष क्या तुम मेरी खातिर शांत नहीं बैठ सकते प्लीज़ यार
आरुष : अच्छा ठीक है लेकिन उसने शुरवात की तो में शांत नहीं बैठ सकता
ऐसे ही कुछ दिन बीत जाते है फिर एक दिन
सरगम: श्रेया तेरा फोन कबसे बज रहा था
श्रेया: ओ भैया का फोन था अब मैसेज भेजा है मेरे रूम में जाकर इलेक्ट्रानिक सब्जेक्ट की बुक लेकर आओ रूम में कोई नहीं है सो प्लीज़ इट्स वेरी अर्जेंट रूम नो ४०२
सरगम : श्रेया तू बॉयज हॉस्टल जाओगी?
श्रेया: जाना तो पड़ेगा सरगम भैया का इम्पोर्टेन्ट लेक्चर चल रहा है में अभी जाकर आती हु ( श्रेया वहासे छुप छुप कर बॉयस हॉस्टल में रूम नो ४०२ में जाती है
दरवाजा खोलकर आंदर आती है आरुष टोवल पर होता है)
श्रेया: आ तुम तुम यहाँ क्या कर रहे हो
आरुष : ये मेरा कमरा है पागल लड़की
श्रेया: शटअप लंगूर कही के ये मेरे भाई का कमरा है
आरुष : यु शटअप जंगली बिल्ली ये बॉयस हॉस्टल है और तुम मु उठकर आंदर आ गई
श्रेया: मुझे कोई सपना नहीं आया था की इस समय तुम ऐसे नंगे पुंगे घूम रहे होंगे और वैसे भी मुझे तुम्हे ऐसे देखने में कोई दिलचस्पी नहीं अब हटो वह से
आरुष: शु धीरे बात करो मरवाओगी क्या अगर तुम्हारी आवाज किसीने सुन लीना तो
श्रेया : में यहाँ रहने नहीं आई मेरी भाई की बुक लेने आई हु हटो वहासे
आरुष : में उसे दे दूंगा लेकिन अभी तुम यहासे जाव
श्रेया : बुक लिए बिना में यसे नहीं जाउंगी
आरुष : ठीक है जाव जाकर लेलो उस ड्रावर मेसे वो बुक और जाव यहासे जल्दी चलो
श्रेया: तुम होते कोण हो मुझे बताने वाले में फ़ास्ट चलु या स्लो तू ( दरवाजे पे टक टक आरुष झटसे आकर श्रेया के मु पर हात रखता है दरवाजेके बाहर से आरुष दरवाजा खोलो )
आरुष: सर की आवाज मर गए बोला था ना धीरे बात करो अब जाकर छुप जाव कही
श्रेया; लेकिन छुपु कहा
सर : आरुष दरवाजा खोलो
आरुष : आया सर बातरूम हा बातरूम में जेक चुप जाव
श्रेया : ई में नहीं छुपुगि वह
सर : आरुष
आरुष : पिल्ज़ मेरी माँ तुम्हारे पैर पड़ता हु
श्रेया: सचमे पड़ोगे तो फिर ठीक है ( श्रेया जाकर बातरूम में छुपती है आरुष दरवाजा खोलता है )
आरुष: सर वो नहा रहा था इसीलिए दरवाजा खोलनेमे देर होगी
सर: आरुष अभी मेने यहाँ एक लड़की की आवाज सुनी
आरुष : सर वो लड़की वो सर जरासल नहा रहा था तो मोबाईल का स्पीकर ओन करके बात कर रहाथा
जाने में देर होगी इसीलिए वो घुस्सा थी तो जोरसे बात कर रही थी वैसे सर आप आंदर आकर देख सकते है
सर: वो तो में देखुँगाही ( सर आंदर आकर सब जगह देखते है और फिर बातरूम चेक करने के लिए जाते है
आरुष : मर गया कॉलेज से निकाल कर ही छोड़ेगी ये लड़की
सर : सॉरी आरुष लेकिन ऐसे देखना पड़ता है ( आरुष मनमे सोचता है ये गई कहा ) सॉरी माय बॉय
आरुष: कोई बात नहीं सर (सर चले जाते है आरुष दरवाजा बंद करके बातरूम का दरवाजा खोलता है )
कहा हो तुम सर चले गए है ( पानी से भरे ड्रम में से श्रेया बहार आती हैं और जोर जोरसे खांसने लगती है )
श्रेया : इडियट जल्दी से बता नहीं सकते थे सर चले गए है कितनी देर सांस रोखकर बैठी थी
आरुष; तो कोई एहसान नहीं किया मेरे साथ साथ अपनी भी जान बचायी है तुमने चलो अब उस ड्रम मेसे बहार आओ और जाव यहासे
श्रेया : मुझे भी यहाँ बैठने का शोक नहीं है लेकिन में निकल नहीं पा रही
आरुष: जैसे आंदर गयी थी वैसे ही बहार आओ
श्रेया: जाते समय आसानीसे जपाई लेकिन बहार निकलनेमे मुश्किल हो रही है बेवकूफ यहाँ आकर मेरी मदत करो लंगूर कही का
आरुष : मदत मांग रही हो या रॉब जमा रही हो प्यार से बात करोगी तो कुछ सोच सकता हु वरना भाड़ में जाव ( आरुष बहार जानेकेलिये तयार होता है ) लगता है तुम्हे ड्रम बहोत अच्छा लग रहा है सो रहो वहा ( आरुष बाहर जाने केलिए दरवजेका हैंडल पकड़ता है और उसे खोलनेही वाला था की)
श्रेया : आरुष (आरुष रूक जाता है ) मुझे छोड़कर मत जाव में सचमे यहासे नहीं निकल पा रही बहोत थंड लग रही है आरुष पिल्ज़ मुझे बाहर निकालो ( आरुष बातरूम के पास आता है और अपनी शर्ट निकालता है)
श्रेया :ये तुम
आरुष : इसलिए ताकि तुम्हे निकलनेकी चक्कर में मेरी शर्ट ना भीग जाये (आरुष श्रेया के पास जाता है उसके कमर में आपने दोनों हात डालकर उसे ड्रमसे बहार उठता है और पीछेवाली दिवारसे टकरा जाता है आरुष और श्रेया एकदूसरेको देखते ही रहते है)
श्रेया: छोडो मुझे तुम्हारी वजह से देर हो गई लंगूर कहिके (वहासे जाने लगाती है तभी आरुष श्रेया का हात पकड़ लेता है )
आरुष: रुको एक मिनिट पूरी भीग गई हो उपरसे ये बॉयस हॉस्टल ( वो आपने कबड़ में जाकर जर्किन निकालकर श्रेया को पहना देता है) अब जाव यहासे ( श्रेया जाने लगती है १ मिनट दरवाजेके पास खड़ी रहकर वो मुड़कर आरुष को देखती है और वहासे चली जाती है)
रातमे
(श्रेया का फोन बजता है)
श्रेया: हा भैया बोलिए
जय: गुड़िया सुन पांच मिनिट में निचे आजा हम आइसक्रीम खाने जा रहे है
श्रेया: लेकिन भैया में अकेली नहीं हु मेरी दोस्त भी साथ में है
जय: तो ठीक है ना उसे भी साथ लेकर जाते है चल रखता हु
श्रेया : सरगम सुन हमें अभी आइसक्रीम खाने जाना है
सरगम : तो तू जा न श्रेया वैसे भी में किसी को जानती नहीं
श्रेया : लेकिन मुझे तो जानती हो ना वैसे भी तू मेरे भाई से नहीं मिली आज मुलाकात हो जाएगी अब चल निचे में कुछ नहीं सुनूंगी ( वो दोनों निचे आकर खड़े रहते है ) ओ फ़ो ये भैया भी न पांच मिनिट कहा था लेकिन अभीतक नहीं आये उन्हें फोन…. ओ गॉड फोन तो में रूम में छोड़कर आई सरगम तू यही रुक में अभी फोन लेकर आती हु
(श्रेया ऊपर चली जाती है और जय पोहच जाता है)
जय: ( खांदेपर हात रखकर) सॉरी गुड़ी ( वो सरगम को देखता है ) सॉरी मुझे लगा की
सरगम : श्रेया है
श्रेया : भैया कितनी देर लगाती बाय द वे इससे मिलो ये हे मेरी मेट और रूम पार्टनर सरगम और सरगम ये है मेरे बड़े भैया जय
जय : हाय , सरगम : हेलो
विकी : ये हाय बोला
आलेख : विकी चुप
श्रेया : अब चले ( गाड़ी के ड्राविंग सीट पर आरुष को देखकर ) भैया ये अगर इसकी गाडी है तो में बिलकुल नहीं आउंगी
जय : चल न श्रेया पिल्ज़ वैसे भी आज मेरे जिन्दगीका सबसे हसीन दिन है
श्रेया: क्या बोल रहे हो भैया हम हमेशा जाते है आइसक्रीम खाने
( श्रेया पिछली सीट पर बैठ जाती है सरगम श्रेया के पास बैठने लगती है )
आरुष : एक मिनिट क्या आप आगे जाके बैठेंगी में यहाँ बैठता हु
सरगम: ओके
आरुष: और जय तू पिल्ज़ गाड़ी चला जरसल मेरी पीठ दर्द कर रही हे तो पीछे बैठकर थोड़ा आराम कर लेता हु
जय : हा ठीक है
आरुष श्रेया के पास बैठने लगता है
श्रेया: अ अर्जुन तुम यहा मेरी जगह आकर बैठोगे क्या ?
अर्जुन : सॉरी श्रेया में अपनी पायल को छोड़कर नहीं बैठ सकता
श्रेया: ओके विकी तू
जय : बैठना श्रेया वैसे भी कहा हमें बहोत दूर जाना है
(आरुष श्रेया के पास बैठता है और अपना हात श्रेया के पीछे रखता है )
श्रेया: (घुस्सेसे धीमी आवाज में ) हात निकालो
आरुष: (धीमी आवाज में ) तुम्हारे खांदेपर पर नहीं मेरे गाड़ीके सीट पर रखा है
विकी : वैसे आरुष मुझे एक बात बता अचानकसे तेरी पिट कैसे दर्द करने लगी ?
आरुष : अब क्या बताऊ विकी सुबह मेने ८० -९० किलो की बोरी उठाई थी इसीलिए ( श्रेया जोरसे अपना पैर आरुष के पैर पर मरती है ) आ……..
विकी: क्या हुवा ?
आरुष : कुछ नहीं विकी पिट का दर्द याद आगया सब आइसक्रीम पार्लर पोहच जाते है अर्जुन -पायल , आलेख -सुहाना सरगम और जय सब अलग अलग हो जाते है )
विकी : लो ये लव बर्ड्स तो निकल गए अब इस दुकानदार का सर खता हु (श्रेया आरुष के पीछे जाती है)
सरगम: वो आपके गालपर आइसक्रीम लगी है
जय: थैंक्स
सरगम : एक बात कहु आप बहोत अच्छा फुटबॉल खेलते है
जय: थैंक्स लेकिन क्या आप देखती है हमारी मैच
सरगम: हा हरबार में हमेशा आपसे बात करना चाहती थी लेकिन मौका ही नहीं मिला आज मिलगया तो बता दिया
जय: और मुझे लगा की मेही बात करना चाहताथा
सरगम: जी कुछ कहा आपने
जय: नहीं कुछ भी तो नहीं
श्रेया : हाउ डेयर यु मुझे बोरी बोलनेकी हिम्मत कैसे हुवी तुम्हारी
आरुष : तुम्हे बोलनेके लिए हिम्मत किसे चाहिए और वैसे भी मेने कब कहा तुम्हे बोरी तुम खुद आपने आपको बोरी बुला रही हो
श्रेया: जादा स्मार्ट बनने की जरुरत नहीं लंगूर हो और लंगूर ही रहोगे तुम्हे क्या में ८०-९० किलो की दिखती हु
आरुष : ये हेलो दिखावे पे मत जाव तुम्हे ऐसे देखकर कोई कहेगा नहीं की तुम ८०-९० की हो लेकिन सच बात यही हे सारी पीठ दर्द कर रही है
श्रेया: छी तुमसे बात करना ही बेकार है गधा लंगूर कहिका
आरुष: आगई ना अपनी औकाद पे जंगली बिल्ली सुबह तो बड़े प्यार से बात कर रही थी बड़ा प्यार आ रहा था मुझपर अचानकसे क्या हुवा ह?
श्रेया:प्यार से बात और वो भी तुझ जैसे लंगुरसे मुझे कोई पागल शेर ने नहीं कटा (वहासे जाने लगती ह)
आरुष: अच्छी जोड़ी रहेगी पागल शेर और जंगली बिल्ली
श्रेया : ठीक तरहसे जोड़िया नहीं लगा सकते और चले हो इंजीनियर बनने बिल्ली शेर की मौसी होती है इडियट (वहासे जाने लगती है तभी वह शेर की दहाड़ सुनाई देती है श्रेया पीछे मुड़कर) तुम्हे क्या लगा तुम ऐसी आवाज निकलोगे और में डर जाउंगी क्या
आरुष : मेने कोई आवाज नहीं निकली श्रेया ( दहाड़ ने की आवाज फिरसे आती है ) ओ गॉड (चिलाकर) लेस लेस गो गाइज जल्दी (सब भागकर गाड़ी में बैठ जाते है)
आलेख : विकी साले जल्दी आ
अर्जुन : गाड़ी भगा आरुष जल्दी
श्रेया : नहीं आरुष शेर आसपास है गाड़ी की आवाज सुनकर वो और घुस्सा होगा और पीछे पड़ जायेगा
आलेख :: हम यहसे नहीं गए तभी वो हमें मरेगा वो पागल शेर है चलो आरुष ( आरुष गाड़ी स्टार्ट करता है )
श्रेया : ( अपना हात आरुष के हात पर रखती है आरुष श्रेया के तरफ देखने लगता है ) आरुष पिल्ज़ इंजिन की आवाज से वो बहोत चिढ़ेगा उसे नहीं पता हम यहाँ है गाड़ी की आवाज से उसे मालूम पड़ जायेगा प्लीज़ आरुष इंजिन और लाइट दोनों बंद करो प्लीज ( आरुष गाड़ी बंद कर देता है)
अर्जुन : लेकिन आरुष ( तभी झाड़ियो मेसे कोई रास्तेपर भागकर आता है उसके पीछे ओ शेर आता है और उस इंसानको झपट कर उसका खून पिता है और उसके सिनेपर अपना पंजा रखकर जोरसे दहाड़ मारता है गाड़ी में बैठे सब बहोत डर जाते है शेर गाड़ीके पास आने लगता है शेर गाड़ी के पास आता है वो आपने दोनों पंजे गाड़ीके ऊपर रखता है आरुष और श्रेया एकदूसरे का पकड़ा हुवा हात बहोत जोरसे पकड़ते है फिर शेर गाड़ीके राइट साइडके विंडो के पास जाता है जिसके पास सरगम बैठी हुवी होती है शेर विंडो से झाकने लगता है और बहोत बड़ी दहाड़ मरता है उसी वक्त उसके खून से भरे दात देखकर सरगम डर कर चीखने ही वाली थी की तभी पास बैठा जय उसके मु पर हात रखता है थोड़ी देर बाद वो शेर वहासे चला जाता है
अर्जुन: शेर यहासे चला गया है आरुष गाड़ी चलाव
जय : सरगम क्या तुम ठीक तो हो ?
सरगम : हु…. ( आरुष गाडी स्टार्ट करता है सब शांत बैठे हुवे होते है थोड़ी देर बाद सब हॉस्टल पोहच जाती है )
जय : गुड़िया तुम ठीक तो हो ना
श्रेया : हा भैया गुड नाईट
(रात के 1 बजे श्रेया की नींद किसी आवाज से खुल जाती है)
श्रेया: सरगम इसे क्या हुवा ( श्रेया सरगम के पास जाती है ) सरगम ओ गॉड इसका शरीर बहोत तेज बुखार से तप रहा है सरगम आँखे खोल मेरी तरफ देख ना सरगम येतो येतो आखे ही नहीं खोल रही क्या करू में हा भैया ( श्रेया जय को फोन लगाती है लेकिन जय फोन नहीं उठता ) ओ फ़ो अब क्या करू सरगम सरगम उठौना शायद ये बेहोश है हा आलेख वो अभी पढाई कर रहा होगा ( श्रेया आलेख को फोन लगाती है )
आलेख; (फोन देखकर) श्रेया इतनी रात को ? हेलो हा
श्रेया: ओ थैंक गॉड तुमने फोन उठाया
आलेख : बात क्या है श्रेया
श्रेया : आलेख वो सरगम तुम भैया को फोन
आलेख : हा एक मिनिट जय जय जय उठो श्रेया का फोन है
जय : श्रेया इतनी रातको हेलो
श्रेया : भैया भैया वो सरगम
जय : सरगम क्या हुवा सरगमको
श्रेया : भैया वो उठ नहीं रही उसे बहोत तेज बुखार आगया है भैया मुझे खुच समजमे नहीं आ रहा में क्या करू
जय: शांत हो जव गुड़िया में अभी आता हु वहा तू सिर्फ मैडम को इन्फॉर्म करदो सरगम के बारे में बाय आरुष वो सरगम मुझे जाना होगा
आरुष: रुक मेने सब सुन लिया है मेभी आता हु तेरे साथ
श्रेया : सॉरी मैडम इतनी रातको आपको डिस्टर्ब किया वो मेरी रूम मेट उसे बहोत बुखार आया है उसे अस्पताल लेजाना होगा (मैडम रूम में आकर सरगम को देखती है )
मैडम: ओ हो ऐसे तो बहोत तेज बुखार है लेकिन अस्पताल बहोत दूर है और अभी यहासे कोई टैक्सी भी नहीं मिलेगी ( आरुष और जय गर्ल्स हॉस्टल पोहच जाते है )
आरुष : हमारे पास गाड़ी है मैडम
मैडम : ये कोण
श्रेया : ये मेरे भैया है जय और ये
आरुष: में सरगम का भाई
मैडम: ठीक है ले जाव इसे लेकिन मुझे फोन करके इन्फॉर्म करना
आरुष: ठीक है मैडम जय तू सरगम को लेकर आव में गाडी निकलता हु ( वहासे वो सब अस्पताल जाते है सुबह ७ बजे सब दोस्त अस्पताल आते है)
जय: आलेख ८ बजने आ रहे है लेकिन अभी तक सरगम को होश नहीं आया वो ठीक नहीं है अगर उसे कुछ हुवा तो
आलेख : जय सरगम को कुछ नहीं होगा रिलॅक्स (श्रेया मनमे सोचने लगाती है ये भैया सरगम की इतनी फ़िक्र क्यों कर रहे है )
अर्जुन: कॉफ़ी
श्रेया: ओ थैंक यू अर्जुन
अर्जुन : डोन्ट से थैंक्स यार थकी हुवी हो इतना तो में कर ही सकता हु
श्रेया: (मुस्कुराकर) फिर भी थैंक्स अ आरुष (आरुष रुक जाता है ) एक मिनट अर्जुन में अभी आती हु
(मुस्कुरकर) थैंक्स हमारी मदत करने केलिए
आरुष : एक्सक्यूज़मी गिव मई अ ब्रेक मेने तुम्हारी कोई मदत नहीं की मेने तो सिर्फ जय की मदत की है
श्रेया: भैया की मदत वो कैसे ?
आरुष: तुम सचमे नहीं समज पा रही हो या जानबूझकर दिखावा कर रही हो
ओ फ़ो मेभी किससे पूछ रहा हु यार जंगली बिल्ली के पास तो दिमाग होते नहीं है
श्रेया: दिमाग तो तुम्हारे पास नहीं है लंगूर कहिके वैसे भी मेने हमारी मदत केलिए थैंक्स बोला था मेरी मदत के लिए नहीं उल्लुका पट्ठा (वहासे चली जाती है)
अर्जुन: क्या आरुष तुम भी वो कितने प्यार से बात करने आई थी और तुम हो की
आरुष: देख अर्जुन ये जब भी मुझसे प्यार से बात करती है न तो मेरे साथ कुछ अजीब हो जाता है बिना कुछ सोचे समजे में उसकी बात मान लेता हु
अर्जुन: हा हा तभी तो रातमे उसने गाडी बंद करने केलिए कहा तो वो भी मान लिया लाइट बंद करने केलिए कहा तो वो भी
आरुष: तू समाज गया ना इसीलिए उसे घुस्सेसे बात करना ही बेटर है (वहासे चला जाता है)
आलेख : अर्जुन जनाब के तेवर कुछ बदलने वाले है लंगूर फस गया बिल्लीके चाल में
विकी : किसकी चालमे
अर्जुन: कुछ भी तो नहीं विकी तुम देखकर आवो सरगम होश में आई की नहीं ( विकी वहासे चला जाता है) ये साला भोपू है इसको पता चला तो सबको पता चल जायेगा
थोड़ी देर बाद सरगम को होश आता है
सरगम: आप सबका शुक्रिया कैसे करू
जय : थैंक्स बोलने की जरुरत नहीं और थैंक्स बोलना ही है तो आरुष को बोलो उसने तुम्हारे लिए अपनी एक्साम तक छोड़ दी
आरुष : छोड़ यार वैसे भी तू अकेला कैसे हैंडल कर पता अगर कोई इमरजेंसी आती तो यहापर जरुरत थी ना
सरगम : थैंक्स आरुष
आरुष: भलाइका जमानही नहीं रहा एक ही तो बेहन मिली थी उसने भी थैंक्स बोलकर पराया कर दिया
सरगम : गलती होगई मेरे छोटेसे भाई (सब जोरसे हस्ते है )
दूसरे दिन,
विकी: सरगम ये तुम्हारे लिए
सरगम: ये क्या है विकी
विकी: नारियल पानी तुम्हे नहीं पता
सरगम: वो तो मुझे भी पता है
विकी : नारियल पानी सेहत के लिए अच्छा होता है
सरगम : लेकिन सुबहसे लेकर १० बार तुम ऑलरेडी मुझे नारियल पानी दे चुके हो ये ११ वि बार है
विकी : अब जय को इतनी फिकर है तुम्हा
श्रेया : क्या
विकी: ये क्या बक दिया क क कुछ भी तो नहीं श्रेया में जाता हु
श्रेया : रुको विकी बात पूरी कर के जाव सुना तुम्हने
विकी : मुझपर क्यों गुसा हो रही हो तू जय से जाकर क्यों नहीं पूछती (वहासे चला जाता है )
(अर्जुन आलेख आरुष जय सब एकसाथ बैठे हुवे होते है तभी वहा विकी आ जाता है)
ज जय यहाँ क्यों खड़े हो तुम्हे कोई काम नहीं है क्या
जय: नहीं तो कुछ भी काम नहीं
विकी : सोच न यार कुछ कुछ तो का का काम होगा याद करले
जय: मेने कहा ना कोई काम नहीं है मुझे तू मुझे यहासे भगाना क्यों चाहता है
विकी : तू जा ना यहासे क्यों मोत को बुलावा दे रहा है यार
जय : विकी तुमने कुछ किया है क्या ? मुझे क्यों ऐसा लग रहा है जैसे तुमने कुछ किया है
आरुष : तुम्हे तो सिर्फ लग रहा है जय लेकिन मुझे तो पक्का गॅरेंटी है इसिने कुछ किया है ये जब भी ऐसे हकलाके बात करता है ना तो कोइना कोई बड़ी मुसीबत आ ही जाती है
जय : आरुष तू मुझे डरा रहा है या बता रहा है
आरुष : दोनों
जय : विकी क्या किया तुमने बोल न क्या किया तुमने
विकी : वो जय वो जरासल गलती से मु से निकल गया की सरगम को तुम प्यार करते हो और श्रेया भी वहा थी
जय : क्या साले वही मिलीथी क्या तुझे बताने केलिए अब एक काम कर जा जाकर मेरलिये एक गड्डा खोदकर आ (विकी वहासे जाने लगता है ) कहा जा रहे हो
विकी : वो गड्डा
जय : अबे साले तुझे ना उसमे गाड़ दू अब क्या करू क्या करू यहासे भागना ही ठीक रहेगा ( जय वहासे जाने लगता है तभी )
श्रेया : भैया
जय: मर गया वो वो जरासल गुड़िया
श्रेया: चुप एकदम चुप ये क्या सुन रही हु में
जय : श्रेया जरसल वो में तुम्हे बता
श्रेया : कब कब बताने वाले थे दुसरोसे मालूम हो तब छोटीसी छोटी बाद तक शेयर करते हो ना मुझसे भैया तो ये बात बतानी जरुरी नहीं समजी की आप सरगम को पसंद करते हो उसे प्यार करते हो
जय : देख गुड़िया मेरा ये मतलब नहीं था लेकिन
श्रेया : कहा ना चुप एकदम चुप मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी अब में भी देखती हु की सरगम आपको कैसे मिलती है (वहासे जाने लगाती है)
आरुष : कहा था ना जय कोई बड़ी मुसीबत आ जाएगी देख आ गई ना मुसीबत ( श्रेया घुस्सेसे आरुष की और देखने लगाती है) क्या ऐसे देख क्या रही हो तुम्हे ही बुला रहा हु मुसीबत
जय: आरुष नहीं रुको
आरुष : एक मिनिट जय तो क्या कह रही थी तुम ये सारी बाते तुम्हे पता नहीं लेट मी वन थिंक टू क्लियर जिस लड़की को जय पिछले तीन सालोसे प्यार करता है उसे कभी पता नहीं चला तो तुम क्या चीज हो जरुरी तो नहीं की हर बात जय तुम्हे बताकर करे लेकिन अब धीरे धीरे ये बात सरगम को पता चलने लगी है की जय उसे पसंद करता है तो तुम आ गई मुसीबत बनकर और मुसीबत को मुसीबत नहीं तो क्या कहा जाये (श्रेया के आँखोसे आसु बहने लगते है और वो वहासे बिना कुछ कहे चली जाती है) आरुष को थोड़ा अजीब लगता है वो जय की तरफ देखता है जय के आखोमे भी उसे आसु नजर आते है)
जय : मेरी बहन मुसीबत नहीं है आरुष वो मुसीबत (जय वहासे चला जाता है आरुष को गिल्ट फील होता है वो श्रेया को ढूंढने लगता है उसी वक्त तेज बारिश शुरू होती है श्रेया बारिश मेही एक बेंच पर बैठी रो रही होती है आरुष उसके पास जाता है और उसके पीछे खड़ा रहता है)
श्रेया: क्या में सचमे मुसीबत हु भैया बचपनसे मुझे सब मुसीबत बुला रहे है चाचा चाची दादाजी दादीमा बुवा मौसी हर कोई मेने ऐसा क्या किया है भैया जिसके लिए सब मुझे मुसीबत बुलाते है सच कहु भैया ये शब्द मेरे दिलको चीरकर रख देते है में आपके लिए मुसीबत नहीं बनना चाहती कोय्की आप ही वो इंसान है जो मुझे बहोत प्यार करता है लेकिन फिर भी आज में आपके लिए मुसीबत बन गई भैया में सच में मुसीबत हु भैया में सचमे (श्रेया बहोत रोने लगाती है आरुष श्रेया के खांदेपर हात रखता है और श्रेया भीना देखे आरुष को हग करती है और बहोत रोती है आरुष भी उसे हग करता है )
आरुष: सॉरी ( ये आवाज जय की नहीं ये सुनकर श्रेया आरुष से दूर हो जाती है आरुष को एक पल देखकर बिना कुछ कहे वहासे चली जाती है आरुष को बहोत बुरा लगता है )
दूसरे दिन
आरुष: मुझे तुमसे बात करनी है श्रेया ( श्रेया बिना सुने वहासे चली जाती है आरुष दिन भर श्रेया से बात करने की कोशिश करता है लेकिन ) मझे तुमसे बात करनी है
श्रेया : मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी
आरुष : मुझेभी तुमसे कोई बात नहीं करनी में सरगम को पूछ रहा था
श्रेया : ठीक है सरगम हम बाद में मिलते है ( आरुष आँखोसे ही सरगमको इशारा करता है की वो श्रेया को रोक ले)
सरगम: श्रेया रुकोतो हम साथ में जायेंगे हा तो बोलो आरुष क्या कहना चाहते हो
आरुष: (सरगम की तरफ देखकर) सॉरी मुझे माफ़ करदो प्लीज़ आखिर गलतिया तो इंसानोसे ही होती है ना और मेने जानबूझकर तुम्हारा दिल नहीं दुखाया में नहीं जनता था की उस शब्द से तुम्हे इतनी तकलीफ होगी (श्रेया झटसे आरुष की तरफ देखती है और आरुष श्रेया की तरफ देखता है) दिल से आय एम सॉरी (श्रेया वहासे चली जाती है)
श्रेया आपने रूम में बैठी हुवी थी
सरगम: ओ फ़ो श्रेया अब कितना रुठ कर बैठोगी नाही किसीका फोन उठा रही हो नाही किसीसे बात कर रही हो तुम्हारे भैया कबसे तुम्हारी माफ़ी मांग रहे है अब माफ़ भी कर दो उन्हें बेचारे कितनी देर से तुम्हारे लिए निचे खड़े है
श्रेया: वो मेरे लिये नहीं खड़े
सरगम: तो क्या मेरे लिए निचे खड़े है
श्रेया: हा सरगम
सरगम : क्या
श्रेया : मतलब पहले प्रोमिस करो घुस्सा नहीं करोगी और दाटोगी भी नहीं
सरगम : अच्छा बाबा प्रोमिस बोल
श्रेया : क्या तुम क्या तुम मेरी भाभी बनोगी मतलब भैया को तुम अच्छी लगती हो मतलब वो तुमसे
सरगम: चुप रहो श्रेया
श्रेया: देख सरगम तुमने प्रोमिस किया था की की तुम घुस्सा नहीं करोगी
सरगम : में घुस्सा हु पर तुम पर नहीं तुम्हारे भाई पर
श्रेया: भैया पर लेकिन क्यों वो तो तुमसे बहोत प्यार करते है
सरगम: जानती हु इसीलिए तो
श्रेया : में कुछ समजी नहीं
सरगम: श्रेया तू जानती है में पार्ट टाइम जॉब करती हु और में रातको ९ बजे ऑफिस से निकलती हु हॉस्टल पोहचने में मुझे १० बजते है इस एक घंटेमे मुझे कुछ होना जाये ये सोचकर जो इंसान पिछली ३ सालोसे साये की तरह मेरे साथ रहा है उस इंसानको भला में प्यार कैसे न करू
श्रेया: इसका मतलब तू भी
सरगम: हा मेभी जय से बहोत प्यार करती हु लेकिन में एक लड़की हु आपने दिलकी हालत कैसे बताती. उनको लगता है की वो मेरे पीछे आ रहे है मुझे देखने के लिए हर सुबह वो मंदिर आते है ये सब में नहीं जानती, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है ,में तो उनका इंतजार कर रही हु की कब वो अपना प्यार कबुल करे
श्रेया : (मुस्कुराकर) ओ माय गॉड मेरे भैया भीना तुम फ़िक्र मत करो सरगम में तुमसे प्यार करता हु सरगम ऐसा उन्ही के मुसे नहीं कहलवाया ना तो नामकी श्रेया नहीं
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