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Cat,folk,song बिल्ली के लोकगीत

Rakesh RakeshLast Seen: Dec 27, 2023 @ 12:45pm 12DecUTC

16th October 2023 | 12 Views
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सिक्किम के जंगलों में सफेद रंग की बिल्ली बंदर और भालू के बच्चे के साथ रहती थी। सफेद बिल्ली के जीवन का यही मकसद था कि जंगल के जंगली जानवरों का लोकगीत गाकर उत्साह बढ़ाना, ताकि वह अपने जीवन की बड़ी से बड़ी मुसीबतों से लड़ सकें और उस से जीत सके। बंदर और भालू के बच्चों को हंसी मजाक में जंगल के सब जानवर बिल्ली का चमचा कहते थे। यह दोनों चमचे नाम से बहुत  चिढ़ते थे। और कभी-कभी तो जानवरों को पत्थर उठाकर भी मार देते थे। पर यह दोनों जंगल के जानवरों से प्यार करते थे। और जंगल के सब जानवर भी इनसे बहुत प्यार करते थे। रोज शाम को सफेद बिल्ली जंगल के एक बड़े से मैदान में ढोलक मंजीरा और भालू बंदर के बच्चे के साथ अपनी सुरीली आवाज में लोकगीत गाती थी।

 जब वह लोकगीत गाती थी, तो भालू और बंदर का बच्चा खूब नाचते थे। इनको देखकर जंगल के बाकी जानवर भी उत्साह और खुशी से नाचने लगते थे। जानवरों की भीड़ में जंगल का एक गधा बिल्ली के लोक गीतों पर अपनी गर्दन मटका मटका कर नाचता था। बिल्ली  की नजर जब उस पर पड़ती थी, तो वह भी अपने गले में ढोलक डालकर उछल उछल कर जोश में आकर नाचने गाने लगती थी। जंगल के सभी जानवर बिल्ली को नाचते हुए देखकर खूब हंसते थे। और अपना पेट पकड़कर जमीन पर लोटपोट हो  जाते थे। चतुर बुद्धिमानलोमड़ी सभी जानवरों को डंडा हाथ में लेकर चुपचाप और शांत बैठने के लिए कहती थी।

 बिल्ली बंदर भालू के नाचने गाने और लोकगीतों से जंगली जानवरों को अपने जीवन की समस्याओं से लड़ने में बहुत हिम्मत मिलती थी।बंदर और भालू के बच्चे एक दिन सफेद बिल्ली से कहीं बाहर घूमने की जिद करते हैं। क्योंकि रोज शाम को लोकगीतो और नाचने गाने की वजह से इन्हें घूमने फिरने का समय नहीं मिल पाता था।सफेद बिल्ली इन दोनों बच्चों की जीत के आगे हार कर, इनको अपने साथ लेकर घूमने फिरने के लिए  निकल जाती है। बंदर भालू के बच्चे हंसी-खुशी खेलते हुए बिल्ली  के पीछे चलते रहते हैं, और बीच-बीच में कुछ ना कुछ जंगल से तोड़कर खाते रहते हैं। जायदा रात होने की वजह से सफेद बिल्ली इन  बच्चों के साथ एक जंगल में रुक जाती है।

पर यह है, जंगल बहुत ही खतरनाक खूंखार  चीतों और  भेंडियो आदि जंगली जानवरों का था। इस जंगल में एक बाजपेड़ पर बैठा हुआ था। वह बिल्ली के पास आकर इस जंगल की सारी कहानी सुनाता है। और फिर कहता है, “मे तुम्हारे लोकगीतों की वजह से तुम तीनों को पहचानता हूं।”बाज की डरावनी और खतरनाक बातें सुनकर बंदर और भालू का बच्चा  बिल्ली के गले लग कर डर से धीरे-धीरेरोने लगते हैं। बाज बिल्ली से कहता है “कि तुम अब इस समय भालू और बंदर के बच्चे के साथ जंगल के बीचोबीच फस चुकी हो। यहां से जीवित जाना नामुमकिन है।जब तक तुम इन दोनों बच्चों के साथ सामने वाली झाड़ियों में छिप जाओ। मे जंगल जाकर तुम्हारे लिए कुछ मदद लेकर आता हूं।

इधर जंगल में सब जंगली जानवर बिल्ली बंदर भालू के बच्चों का लोकगीतो और नाच गाने के प्रोग्राम का इंतजार कर रहे थे। इतने में बाज  जानवरों के पास उड़कर आता है। बाज  इन सब जानवरों को बताता है “कि बिल्ली बंदर भालू यह सब एक खतरनाक जंगल में फस गए हैं। इनका जीवित आना असंभव है। सारे जंगल के जानवर दुखी मन से चतुर और बुद्धिमान लोमड़ी से इस समस्या का हल पूछते हैं। लोमड़ी हल निकाल कर इनको बताती है

 

“कि किसी जानवर को शिकार बन कर उस जंगल में जाना पड़ेगा, और अपने पीछे जंगली खूंखार जानवरों को जंगल के बाहर तक दौड़ आना पड़ेगा। फिर मौका देखकर बाज बिल्ली भालू के बंदर के बच्चों को इशारा देकर दूसरी तरफ से जंगल से बाहर कर देगा।लोमड़ी की इस बात से सारे जानवर चुपचाप बैठ जाते हैं।किसी भी जानवर की हिम्मत नहीं थी, उस खतरनाक जंगल के जंगली जानवरों के सामने जाने कि किसी भी जानवर की हिम्मत नहीं थी।

 एक पेड़  के पीछे दो  हटेकट्टे तगड़े और मजबूत सूअर लोमड़ी की सारी बात सुन रहे थे। वह दोनों भीड़ में आकर कहते हैं “कि अपने जंगल की बिल्ली और  बंदर और भालू के बच्चों का जीवन हम बचाएंगे।” जंगल के सब जानवर इनकी बात सुनकर खुश हो जाते हैं। उसी समय लोमड़ी और हिरनी  जंगली फूलों की माला बनाकर इनके गले में पहना कर हैं। औरतिलक लगाकर इनको बाज के साथ भेज देती हैं। यह पूरी रात पैदल चलते हैं। और सुबह जंगल के पास पहुंच जाते हैं।

जंगल के बीचो-बीच घुसकर जहां बिल्ली बंदर और भालू के बच्चे झाड़ियों में छिपे हुए थे। वहां तेज तेज उछल कूद कर के खेलना कूदना शुरू कर देते हैं। इनको देखकर जंगली खूंखार चीता भेड़िया आदि जानवर इनके पीछे इनका शिकार करने के लिए पड़ जाते हैं। यह जंगल की दूसरी दिशा में भागने लगते हैं और भागते भागते जंगल के बाहर आ जाते हैं। बाज बिल्ली और बच्चों को इशारा देकर जंगल के दूसरे रास्ते से बाहर निकाल देता है।बिल्ली औरबंदर भालू के बच्चे जब जंगल पहुंचते हैं। तो इनको देख कर सारे जानवर खुशी से उछलने कूदने लगते हैं। लोमड़ी बिल्ली बाकी सब जानवर बाज  सूअर भाइयों का आने का  इंतजार करते हैं। इनके बहुत इंतजार करने के बाद सामने से बाज उड़ता हुआ दिखाई देता है। बाज  बहुत थका हारा और दुखी  नजर आ रहा था। बात कहता है “दोनों सूअरों की  जंगली खूंखार जानवरों ने जान ले ली। “बाज की यह बात सुनकर जंगल के सब जानवर बहुत दुखी होते हैं और सूअरों की मौत के  दुख कारण  उनकी आंखों में आंसू आ जाते हैं। कहानी का संदेश –Imagesजो दूसरों के भले के लिए जीता है। उसके लिए समझदार या ना समझ सब जान  देने के लिए तैयार हो जाते हैं।

Rakesh RakeshLast Seen: Dec 27, 2023 @ 12:45pm 12DecUTC

Rakesh Rakesh

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