राह नही मंजिल भी मुश्किल है।
मृत्यु नही जीवन भी संघर्ष सा है।
कष्ट के यह जीवन में कोई न किसी का है।
दुःख से पीड़ित हर व्यक्ति मोह में लपेटा हुआ है ।
आंखों की यह पीड़ा न जाने मनुष्य।
केसरियो से लपेटा यह संसार है।
संघर्ष की न चिंता किसी को।
आभास सा होता है यह जीवन।
नदियों की शाखाएं बड़ी अलग सी थी।
समंदर के लहरे बड़े चुस्त से थे।
संघर्ष के यह जीवन में।
न सखियों का कोई मेला था।
झरनों से भरा यह मौसम पुराना था।
मायूस सी जिंदगी में ना कोई किनारा था।
Comments