इस समय देश के कई राज्यों में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। डेंगू के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. कुछ मामलों में शरीर में प्लेटलेट्स का स्तर तेजी से कम हो जाता है। डेंगू शॉक सिंड्रोम का भी कारण बनता है। इससे मरीजों की जान जाने का खतरा रहता है. डेंगू के इलाज के लिए लोग आयुर्वेद का भी सहारा ले सकते हैं।आयुर्वेदिक डॉक्टरों का कहना है कि आयुर्वेद में ऐसी कई दवाएं हैं जो इस बुखार को जल्दी ठीक कर सकती हैं। मरीज की हालत को गंभीर होने से भी बचाया जा सकता है. आइए डॉक्टर से इसके बारे में विस्तार से जानकारी लें।
दिल्ली में आयुर्वेद के डाॅ. पी पाराशर ने कहा कि डेंगू का इलाज आयुर्वेद से किया जा सकता है. ये कुछ आयुर्वेदिक औषधियां डेंगू के इलाज में बहुत फायदेमंद हैं।
हरसिंगर की पत्तियों का काढ़ा
हरसिंगर की पत्तियां लें और उन्हें पानी में उबाल लें। जब पानी आधा रह जाए तो इसे उतारकर ठंडा कर लें। रोगी को हर दो घंटे में चार चम्मच दवा देनी चाहिए।
गिलोय ठोस
गिलोय घनवटी डेंगू के इलाज में बहुत कारगर है। इसका सेवन सुबह के समय करना चाहिए। बुखार आने के पहले दिन से ही इसका सेवन करें।
जयमंगल रास
जयमंगल रस एक आयुर्वेदिक औषधि है। यह बुखार में बहुत फायदेमंद है। जयमंगल रस दोपहर में लिया जा सकता है।डॉ. आर। पी पाराशर बताते हैं कि डेंगू में संजीवनी बटी का सेवन शरीर के लिए फायदेमंद होता है। इससे डेंगू का प्रभाव काफी कम हो जाता है।
मुस्कान
यदि डेंगू के मरीज कुटकी का सेवन करते हैं, तो प्लेटलेट्स का स्तर कम हो जाता है और मरीज को आंतरिक रक्तस्राव का अनुभव नहीं होता है, जिससे मृत्यु का खतरा कम हो जाता है।
Comments