एहसास
शब्द हैं, पर आवाज नहीं है,
सुर हैं, पर साज नहीं है,
उनकी तो शायद किस्मत यही है
कहां तक खुद का ये फैसला सही है ।
हम चाहते हैं उनको आवाज देना
उनकी तमन्नाओं को एहसास देना
प्यार की तो उन्हें भी जरूरत होगी
दिल में उनके भी कोई मोहब्बत होगी ।
होगा उन्हें भी किसी शरारत का अरमान
कैसे कहेंगे वो अपने प्यार का फरमान
होंठ चुप रहेंगे बस आंखें बोलेंगी
दिल के सब राज चुपके से खोलेंगी ।
मुस्कुराहटें होगी, खामोशी होगी
फिजा में बस मदहोशी होगी ।
कभी झुकेंगी ये पलकें, कभी उठ जायेंगी
कभी हां का तो कभी ना का जवाब लायेंगी ।
गम होगा या जाने खुशी होगी
आंसू होंगे या हंसी होगी
क्या होगा बस एक एहसास
खामोशी खामोशी खामोशी होगी
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