एक सुंदर शाम की बात है, जब एक आदमी नामक विक्रम अपने कार्यालय में अपनी सहायिका सुशीला के साथ बिना किसी को बताए एक मीटिंग का प्लान बनाने लगे। वे दोनों काफी समय से एक-दूसरे को पसंद कर रहे थे, लेकिन कभी बयान नहीं किया था।
उन्होंने तय किया कि वे अपने कार्यालय से बाहर निकलने के बाद एक अच्छी जगह पर मिलेंगे। इसे एक गुप्त मीटिंग के रूप में बताया था, ताकि कोई और उनके बारे में न जान पाए।
शाम के आसमान में सूखी हवा बह रही थी और चाँदनी रात का माहौल रोमांटिक बना रहा था। विक्रम और सुशीला जगह पहुँचे और एक छोटे से कैफे में बैठे। उन्होंने कप-कप कर चाय पी और एक-दूसरे के साथ सुखद बातें की।
धीरे-धीरे, उनकी बातों में एक अजीब सा जादू छाने लगा। सुशीला अपने आँचल में मुस्कराहत छुपा रही थी, और विक्रम उसकी आँखों में खो जाने के लिए बेताब थे।
समय बीतता गया और कैफे की रात अगर अधिक खास बन गई। विक्रम ने धीरे-धीरे अपना हाथ सुशीला के हाथ में रख दिया, और उनकी आँखों में देखते हुए कहा, “तुम मेरी जिंदगी की सबसे खास चीज हो।”
सुशीला ने भी उसके हाथ को सुस्ती में धर लिया और मुस्कराई, “तुम भी मेरे लिए बहुत खास हो, विक्रम।”
फिर, बिना किसी खोफ या आडंबर के, विक्रम और सुशीला ने एक-दूसरे के कदम बढ़ा दिए और एक आवाज में बोले, “क्या हम एक बार मिलकर यह देख सकते हैं कि क्या हमारी कहानी आगे बढ़ सकती है?”
सुशीला ने हाँ कह दी और उनका मिलना प्यार भरा हुआ था। समय बीतता गया और वे कैफे से बाहर निकले, जब विक्रम ने सुशीला के होंठों पर एक प्यारी सी चुम्बन दिया। सुशीला बेहोश हो गई और फिर उन दोनों के बीच का प्यार बढ़ता गया।
इस रूप में, विक्रम और सुशीला ने अपनी ज़िन्दगी की नयी शुरुआत की और एक-दूसरे के साथ बिताने वाले खास पलों की शुरुआत की। उनका मीटिंग के बाद का प्यार भरा सफर शुरू हो गया था, जो हमेशा के लिए दोनों के दिलों में बस गया।
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