किसी के ख्यालों में खोई थी, वो था मेरा सपना,
उसके इश्क़ में जलती रही, बस ये था मेरा का किस्सा।
पर वो कभी न मिला मुझे, न जाना उसने मेरी ख्वाहिशों को,
धीरे-धीरे दिल छोड़ा उसका, बदली मैने खुद की मंजिलों को।
उसके ख्यालों में बिताये रातें, वो मुस्कान उसकी बातें,
पर जब से मैंने खो दिया उसे, खुद को पाया मैंने फिर से।
प्यार के राहों में खोई थी, खुद को धुंधती रही वो बीती यादें,
अब वक़्त आया है आगे बढ़ने का, खुल गई मेरी नई राहें।
अब नहीं बांधे हैं किसी पर, खुद को मैंने खो दिया अब
वो पुरानी कशिशों की कयामत,
है अब मेरे दिल की एक पुरानी किस्मत।
आज मैं खुद को पायी हूँ, उसके ख्यालों से मुक्ति पाई…
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