
मुरली की अनहद सुना दे,
मोहे! कान्हा प्रेम रंग चढ़ा दे!
निहारके तेरा ऱूप मनोहर,
ड़ूबत जाऊं तेरे प्रेम सरोवर!
कृष्ण-कृष्ण नाम जपाके,
कृष्ण सा पूर्ण बनादे!
बोलो राधे-राधे 🦚✨
Published: | Last Updated: | Views: 6
मुरली की अनहद सुना दे,
मोहे! कान्हा प्रेम रंग चढ़ा दे!
निहारके तेरा ऱूप मनोहर,
ड़ूबत जाऊं तेरे प्रेम सरोवर!
कृष्ण-कृष्ण नाम जपाके,
कृष्ण सा पूर्ण बनादे!
बोलो राधे-राधे 🦚✨
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