कुछ ना किसी से बोलेंगे
बस तन्हाई में चुपचाप रो लेंगे ,
अपनी तो एक मुसाफिर जैसी है जिंदगी
साथ किसी के भी हो लेंगे ।
ये जीवन तो एक जहर भरा प्याला है
कब तक इसमें अमृत घोलेंगे ,
अब नींद तो आँखों में आती नहीं
चलो जब मौत आये तो जी भर के सो लेंगे।
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